choti batein
आज मन किया है मेरा कुछ छोटी छोटी बातें बताने का
जिनको समझते हो तुम मौका हंसी उड़ाने का
हंस देते हो हर बार जब भी आता है जिक्र मेरे मायके जाने का
क्या हक़ नहीं है मेरा एक भी छुट्टी पाने का
हाँ शौक रखती हूँ बाहर का चटपटा खाने का
क्यूंकि मेरा भी मन करता है कभी खाना न पकाने का
अक्सर आँस लगाती हूँ उपहार में सुन्दर साड़ी आने का
क्यूंकि यूँ तो मौका ही नहीं पड़ता अपने लिए कुछ खरीद पाने का
नहीं बोल पाती खुलकर जब मौका हो मेहमानो के आने का
क्यूंकि अक्सर चुप कर देते हो तुम जब अवसर हो कुछ कहने का
टीवी मोबाइल इतना नहीं जानती ये मौका मिल जाता है तुम्हे जताने का
पर वक़्त ही नहीं मिल पता मुझे अपने को कुछ नया सिखाने का
मैंने ही तो तुम्हे हक़ दिया है मुझ पर अपना हक़ ज़माने का
फिर क्यों सामान नहीं हैं हम वक़्त हो पति धर्म निभाने का
मजबूर बेबस समझो ये इरादा नहीं मेरा ये लिखकर बताने का
झाँसी की रानी भी बन जाऊँ जब वक़्त हो कुछ कर दिखाने का
@ritz