सच्चा सुसंस्कृत भारतीय
*सच्चा सुसंस्कृत भारतीय*
इस वर्ष भी मोहब्बत का, महीना मनाया जायेगा
बेशर्मी से जिस्मों को, जिस्मों से मिलाया जायेगा
नादान सूरत वाली भोली सी, कुछ लड़कियों को
प्यारी प्यारी बातों से, बहलाया फुसलाया जायेगा
किसी शैतान की जकड़ में, जिस वक्त वो आयेगी
उसका पहना हर कपड़ा, बेदर्दी से उतारा जायेगा
उसकी हर चीख को, अनसुना करके वो जालिम
जल्लाद बनकर अपनी, हवस...
इस वर्ष भी मोहब्बत का, महीना मनाया जायेगा
बेशर्मी से जिस्मों को, जिस्मों से मिलाया जायेगा
नादान सूरत वाली भोली सी, कुछ लड़कियों को
प्यारी प्यारी बातों से, बहलाया फुसलाया जायेगा
किसी शैतान की जकड़ में, जिस वक्त वो आयेगी
उसका पहना हर कपड़ा, बेदर्दी से उतारा जायेगा
उसकी हर चीख को, अनसुना करके वो जालिम
जल्लाद बनकर अपनी, हवस...