नर सेवा नारायण सेवा
' नर सेवा - नारायण सेवा '
नर में ही बसते सब देवा।।
नर जीवन सृष्टि में उत्तम।
नभ, जल, थलचर में सर्वोत्तम।
कर मानव मानव की सेवा।
नर सेवा नारायण सेवा।।
नर में………………………
लोक तीन का वो संचालक।
सारी सृष्टि का वो पालक।।
जन्म मरण सबका उद्धारक।
पाप पुण्य सबका जो कारक।
कर मानव मंगल की सेवा।।
नर सेवा नारायण सेवा।
नर में……………………
शारद पंडित प्रशांत कुमार पी के
पाली, हरदोई (उप्र)
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