जमाने के लिए आँसू भी है शबनम की तरह
बाँट लेना अपने ग़म भी किसी खुशी की तरह
परायी आंख के आंसू कब लगते हैं अपनी आँखों की तरह
कौन समझेगा दर्द तेरे आंसुओ का यहाँ
ज़माने के लिए आंसू भी हैं किसी...
परायी आंख के आंसू कब लगते हैं अपनी आँखों की तरह
कौन समझेगा दर्द तेरे आंसुओ का यहाँ
ज़माने के लिए आंसू भी हैं किसी...