...

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तर्ज़ ए हयात
न कहीं ज़िक्र है न कोई बात है
कितनी अजीब सी ये रात है
हर दिन गुज़रा तेरी याद में
तू ही मेरी तर्ज़े हयात है
तुझे याद हो न याद हो
मेरे दिल में एक ही बात है
तेरे नाम से दिल ये धड़कता है
तेरे दम से ये कायनात है
© Shivani Singh