अब जो हो जाये वह रुकने वाली नहीं है
इतनी शक्ति कहाँ से आ गयी मुझमें,
यदि कोई तोड़ के चला जाता है अपने बातों से
फिर भी टूटती नहीं हूं,
फिर से सुरवात करने से डरती नहीं हूं
बचपन में जो बात बात पे प्रतिक्रिया देती थी,
आज वह जेहरिली बातों को पी जाती है
फिर भी...
यदि कोई तोड़ के चला जाता है अपने बातों से
फिर भी टूटती नहीं हूं,
फिर से सुरवात करने से डरती नहीं हूं
बचपन में जो बात बात पे प्रतिक्रिया देती थी,
आज वह जेहरिली बातों को पी जाती है
फिर भी...