अदब
वो लोग भी अदब के हमको अब मिले भी कहां
जो मिले भी हमको वे-अदब हमको मिले हैं यहां
खुद की अदबगी पर कितना भी एतवार कर लूं
फ़टे हैं जो मन के ये कपड़े हम अब सिले भी कहां
ये...
जो मिले भी हमको वे-अदब हमको मिले हैं यहां
खुद की अदबगी पर कितना भी एतवार कर लूं
फ़टे हैं जो मन के ये कपड़े हम अब सिले भी कहां
ये...