...

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क्या तुम्हारे पास नही था
इक पल भी गुजारा कर लेते
तुम्हारे लिए कुछ खास नही था
आज खाते हो दर दर की ठोकरें
क्या चीज की कमी थी तुम्हें
क्या तुम्हारे पास नही था
बहारें भी थी गुलशन में
नज़रे भी जवां थी
साथ महबूब भी था
और रौशन समा थी
मौसम भी रंगीन था
कातिल अदा थीं
इन...