...

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ग़ज़ल
आज की पेशकश ~

देकर उसे उधारी देख।
फ़िर उसकी मक्कारी देख।

सही बीज, पानी औ खाद,
फ़िर खिलती फुलवारी देख।

अपना तू कासा तो देख,
फिर मेरी दिलदारी देख।

रोटी हासिल कर पहले ,
फ़िर पीछे तरकारी देख।

पड़े...