...

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इश्क़
दिल की धड़कनों को समझो।
ख्वाबों की राहों में खो गया,
दर्द की राहों में बिखर गया।
तेरी यादों का साया है,
दिल मेरा बेखुदी में गया।
तू नहीं, फिर क्यों है ये ज़िन्दगी,
मेरी हर खुशी, हर ग़म में खो गया।
आँसू की बूँदें दरिया बन गई,
इश्क़ के सिलसिले में टूट गया।
दर्द की गहराईयों में डूबा हूँ मैं,
कहाँ है वो जो मेरा दिल तो टूट गया।
अब जीने की क्या आदत है,
जब दिल का हर टुकड़ा टूट गया।
इश्क़ की नज़र से देखो, ये ज़िन्दगी,
बस एक ख़्वाब ही था, जो टूट गया।
© Raj Mohit Chaudhary