...

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एक उम्मीद
सुनो ना, याद है आज भी वो हर लम्हा हमे
पलटकर देखने से एक उम्मीद दिल मे जगी थी❣️

सारा जहाँ जिसे चाहता हो वो चाहता है हमे
इस चाहत को खुशियों से दिल मे सजाए रखी थी❣️

सच कि-वो भी तो दिल-ओ-जाँ से चाहता है हमे
नज़रों में उसे भरकर आँखों मे खुशियों की नमी थी❣️

सोचती नज़र ना लगे,वो प्यार करे अजरामर हमे
लेक़िन ख़ुशियों संग सदा ही दुःखों ने दी हमी थी❣️

विधना की लिखी सदा के लिए जुदा कर गयी हमे
बहती आँखों से अब मैं बिन उसके जिंदा लाश बनी थी❣️

सवाल करती राते न जाने कितनी जगाती है हमे
धड़कने उधार लेके सांसें भर अकेली ज़िंदगी जी रही थी❣️

बस अकेली......!❣️