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#गम
#गम
मेरे गाँव की गलियों में उसकी यादें बसती है
उसकी यादों में अजीब सी उदासी बसती है
मै अपना गम जा कर सुनाऊँ किसको
यहाँ हर किसी के जहन में चालकी बसती है।
मोहब्बत खुद को खुद से जुदा कर देती है
आदम को अपने उसूलों से खफा कर देती है
मै अपना ईमान जा कर बताऊँ किसको
यहाँ हर किसी के दिल में बेईमानी बसती है।
नींद अब ख्वाबों वाली कहां आती है
रात अब सुकूनो वाली कहां आती है
मै ये लिख कर समझाऊँ किसको
के मै मरता ही नही पर मौत हर रोज आती है।
© Nitish Nagar
मेरे गाँव की गलियों में उसकी यादें बसती है
उसकी यादों में अजीब सी उदासी बसती है
मै अपना गम जा कर सुनाऊँ किसको
यहाँ हर किसी के जहन में चालकी बसती है।
मोहब्बत खुद को खुद से जुदा कर देती है
आदम को अपने उसूलों से खफा कर देती है
मै अपना ईमान जा कर बताऊँ किसको
यहाँ हर किसी के दिल में बेईमानी बसती है।
नींद अब ख्वाबों वाली कहां आती है
रात अब सुकूनो वाली कहां आती है
मै ये लिख कर समझाऊँ किसको
के मै मरता ही नही पर मौत हर रोज आती है।
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