...

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दूध की कटोरी
आधे नींद में मधु की आवाज़ सुनाई दी ।
मैंने खींज कर पूछा तुम मायके से कब और कैसे आयी ?
" अरे वो सब छोड़ो , कुछ लोग मेरा पीछा कर रहे हैं !! जाके खिड़की से बाहर देखो, दरवाज़ा मत खोलना ।

मैं खिड़की और दरवाजे दोनों से देख लिया , हवाएं काफी तेज थी पर कोई नही था । तब जाके उसे तस्साली हुआ।

अरे मैं आते समय फिसल गई तभी देखा कुछ लोग पीछा कर रहे थे और मुझे पकड़ने की कोशिश भी की ।

मैंने ढाहस बंधाते कहा ,खैर तुम थक गई होगी सो जाओ ।

अभी मुन्ने को दूध पिला देती हूं ,यह कहते हुए वो किचन में चली गई और मैं बिस्तर पे ।

सुबह फोन कि लगातार घंटी ने दोनों की नींद तोड़ दी । हमेशा की तरह मजबूरन मुझे ही फोन के पास जाना पड़ा ।

फ़ोन पे उधर सिर्फ रोने की आवाज़ आ रही थी कुछ सुनाई नहीं दे रहा था । तभी एक लड़के ने कहा , वो मधु का चचेरा भाई हैं, कल रात सीढियों से फिसल कर मधु की मौत हो गई !!

मैंने कैलेण्डर पर देखा कहीं अप्रिल फूल तो नहीं , फिर मधु को आवाज़ लगाई । दौड़ कर कमरे में गया , तो कोई नहीं था । सूरज की रोशनी और हिलते हुए पर्दे ।।

मैं डर कर मुन्ने के पास गया तो वहां दूध की खाली कटोरी पड़ीं थी । मुन्ने को गले लगा कर अब डर के बजाय मैं फुट- फुट कर रोने लगा ।

आज एक महीना होने को है । देर रात मैं परदो को निहारता रहता । अब वो नहीं आती पर तस्सालि है रोज़ रात मुन्ने को कोई दूध पीला जाता है । मुआवजे में मुझे रोज़ सुबह उस दूध की कटोरी में उसके होने का एहसास मिल जाता है ।
© mukesh_syahi
#horror
#Horrorsofreality