...

15 views

जरूरतों और चाहतों का फर्क.....
जैसे अमीर होने में और अमीर दिखने में बहुत फर्क है वैसे ही खुश होने में और खुश दिखने में भी बहुत फर्क है। ऐसे बहुत से लोगो की कहानियां आपने सुनी होगी जो बहुत अमीर हैं, जिनके पास पैसों की और विलासिता की कोई कमी नहीं, लेकिन वे लोग खुश नही होते। क्योंकि उन्हें सिर्फ अमीरी में खुशी दिखी इसलिए वे अपनी सेहत और रिश्तो को नजरअंदाज करके सिर्फ पैसे के पीछे भागते रहे। वे अमीर तो बन गए लेकिन अपनी सेहत और रिश्ते खो बैठे। आलीशान बंगला बना लेते हैं लेकिन उसमें अकेले रहते हैं। बड़ी गाड़ी ले लेते हैं लेकिन उसमें अकेले घूमते हैं। पैसे कमाते कमाते उम्र गुजर जाती हैं और शरीर को तरह-तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। शरीर को नजरअंदाज करके जो पैसे कमाए, वह पैसे अब शरीर को बचाने के लिए खर्च करते रहते हैं। देखभाल के लिए डॉक्टर और नर्स तो है लेकिन परिवार साथ नहीं। क्या यह सुख है ? मेरे हिसाब से तो नही। सिर्फ अमीर बनकर खुशी का अन्वेषण नहीं होता। सोच समझकर अपने परिवार को साथ लेकर और अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत का ख्याल रखते हुए अमीर बनने पर खुशी का अन्वेषण होता है।

ऐसे ही बहुत से गरीब लोगों की कहानियां भी सुनी होंगी, जिसमें कमाने वाला एक इंसान है और खाने वाले 8_10 लोग जो छोटी छोटी जरूरतों के लिए तरसते है। इनके पास देखभाल करने के लिए परिवार तो हैं लेकिन जरूरतों का अभाव इन्हें दुख का आभास कराता रहता है। फिर भी इनका ये दुख इतना बड़ा नहीं होता, क्योंकि जब कभी इनकी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी होती है तो.......

तो आगे क्या होता है और क्या करना चाहिए ये जानने के लिए और मेरी पुस्तक "खुशी का अन्वेषण करें" विस्तारपूरक पढ़ने के लिए मुझे insta पर dm करे। मेरे पास आप सबके लिए एक ऑफर है। 😊

#loveyouzindagi #explore_happiness
#rani_the_writer #rani #sunita_the_smarty #sunita_saini




© Sunita Saini (Rani)