नारी -- मैं
नारी सदियों से अपनी रचनाओं का सृजन करती आयी है, उन रचनाओं में उसने लिखा है भगवान को, जननी को, पिता को, पुत्र को, पुत्री को, बच्चों की मुस्कुराहट को, जीवनसाथी को, प्रेमी को, अधूरी प्रेम कहानी को, अधूरी जीवनियों को, सृष्टि को, प्राकृतिक सौंदर्य को, अनगिनत विषयों पर अपने विचारों को अपनी रचनाओं...