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कहानी संग्रह -प्रकृति एवम् जीवन मर्म का
अक्सर जीवन में लोग भटकते हैं उन्हें ईश्वर की पहचान नहीं होती है। बहुत बार ऐसा होता है कि वह नास्तिक भी हो जाते हैं। क्योंकि उनको ईश्वर के साक्षात दर्शन नहीं होते। लेकिन यदि ईश्वर की कृपा उस इंसान पर हो जाए और वह भक्ति भाव में डूब जाए। तो उसका जीवन आसान हो जाता है। लेकिन भक्ति से पहले वह जीवन में बहुत सी दुख दर्द को झेलता है पूछता है और कहता भी है। ईश्वर कौन है ईश्वर ने मेरे साथ कुछ भी अच्छा नहीं किया। कई बार वह हर मान के यह भी कहता है। कि उसकी किस्मत बुरी है। वह खुद बुरा हैं। और जीवन भर भटकता ही रहता है। लोगों के अपमान से आता है और कटु वचनों को सुनता है। उसे लगता है जीवन बस बहुत बुरा है। और लगी भी क्यों ना उसे सत्य तो यही है कि बिना ईश्वर के जीवन निरर्थक है उनकी भक्ति को जाने बिना सब अधूरा है। एक बार कोई भी इंसान भक्ति में मैं खुद को बिना ज्यादा सोच खुद को समर्पित कर दे। तो तमाम मुश्किलों के बाद भी उसका जीवन आसान लगने लगता है। इसी जीवन के भटकाव शुरुआत अंत और भक्ति के आगमन पर आधारित कुछ कहानी में लिखना चाहती हूं आशा करती हूं कि आप इन कहानियों को पढ़ेंगे और इस पर अपनी राय भी व्यक्त करेंगे। किसी भी राय को बुरा नहीं माना जाएगा आप जो चाहे लिख सकते हैं और यदि आप कुछ बातें अच्छी भी लगे तो मुझे जरूर बताइएगा। आज से मैं यह कहानी शुरुआत कर रही हूं। सबसे पहले प्राचीन समय को लेकर कुछ कहानियां प्रस्तुत करूंगी और फिर समय अंतराल के पश्चात मैं उन कहानियों को फिर आऊंगी जिससे आप अपना सीधा संबंध जोड़ पाएंगे। कहानियों को सामान्य मनुष्य समझ नहीं पता है लेकिन कहानी हमें जीवन की यथार्थ को समझने में कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तो ऐसे ही मैं अपनी कहानियों का श्री गणेश करना चाहती हूं। आशा करती हूं गणपति महाराज वह समस्त ईश्वरीय शक्ति मेरा इन कहानियों में साथ देंगे और मुझे कुछ भी अनर्गल लिखने से बचाएंगे। और साथ में अच्छी कहानियां करने में मदद भी करेंगे। धन्यवाद कहानी का पाठ में जल्द शुरू करूंगी। मेरी पहली कहानी की नायिका प्राचीन युग की युवती होगी जिसका नाम गौरी होगा।

धन्यवाद नमस्कार।
© Aarti kumari singh