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कोरोना का कहर
----------------- सच ! इन दिनों हवाएं ही कुछ ऐसी चल रही है, कि न जाने कितनी ही कहानियां लिखी-रची जा सकती है।
कोरोना के कहर से जहां एक ओर सड़के खाली है, वहीं दूसरी ओर अधिकांश जनमानस अपने-अपने घरों में दुबके है, कर्फ्यू-लॉकडाउन न जाने कितने नये-नये शब्द सुनने को मिल रहे है, जो आज की पीढ़ी ने संभवतः किताबों में ही पढ़े थे।
संकट की घड़ी है, परंतु निश्चित रूप से शीघ्र ही भारत पुनः अपने निरंतर चलायमान स्वरूप में आ जायेगा। हां, देशवासियों को धैर्य रख, सावधानियां बरतते हुए अपनी जागरूकता का परिचय देना होगा । 🙏

©Mridula Rajpurohit✍️
🗒️24 March, 2020
© All Rights Reserved




----------------- सच ! इन दिनों हवाएं ही कुछ ऐसी चल रही है, कि न जाने कितनी ही कहानियां लिखी-रची जा सकती है।
केरोना के कहर से जहां एक ओर सड़के खाली है, वहीं दूसरी ओर अधिकांश जनमानस अपने-अपने घरों में दुबके है, कर्फ्यू-लॉकडाउन न जाने कितने नये-नये शब्द सुनने को मिल रहे है, जो आज की पीढ़ी ने संभवतः किताबों में ही पढ़े थे।
संकट की घड़ी है, परंतु निश्चित रूप से शीघ्र ही भारत पुनः अपने निरंतर चलायमान स्वरूप में आ जायेगा। हां, देशवासियों को धैर्य रख, सावधानियां बरतते हुए अपनी जागरूकता का परिचय देना होगा । 🙏

©Mridula Rajpurohit✍️
🗒️24 March, 2020