...

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भैया नहीं तो देवर जी
- आओ! आओ! देवर जी
ऐसे odd time पर बुलाई...
बुरा तो नहीं लगाना! भाई??

- नहीं! नहीं! भाबी जी
बुरा क्यों लगेगा!! पर भैया कहाँ है?

- तुम्हारे भैया तो ऑफिस गए...

- अच्छा! पर आपकी बेटी भी दिखाई नहीं दे रही?

- उसकी drawing class है आज!
कॉलोनी में तो नय आय है, तो किसी से भी ठीक से जान पहचान नहीं हुई है। और इस वक़्त घर पर भी कोई नहीं है! इसलिए सोची तुमसे ही जान पहचान कर लूँ, अकेले में। तो, चाय या कॉफी लोगे?

- नहीं नहीं, ठीक है। बताइये यूँ आपने बुलाया क्यों?

- उफ्फ! इतनी जल्दी भी क्या है?
पता है रवि, मैं जब रोज़ तनु ( बेटी) को स्कूल ले जाती हूँ, तुम और तुम्हारे दोस्त क्लब के व्हरांदा में खड़े खड़े मुझे जब
टोन टिटकारी मारते हो,मुझे बड़ा मज़ा आता सुनके।

- नहीं मतलब अपने दोस्तो के पल्ले में आके---

- अरे रे! इतना embarass होने की ज़रूरत नहीं! मुझे तो अच्छा ही लगता है! तुम्हारे जैसे handsome सुपुरुष लड़का एक छेः साल की बच्ची की माँ को जब " सेक्सी भाबी " "सेक्सी माल" "फुलझड़ी" "भैया से ना हुआ तो मुझे बुलाना", ये सब केहकर टोन मारते हो, बहुत अच्छा लगता है सुनकर, इसलिए ही तो आज बुलाई हूँ तुम्हें।

- असल में आपसे गलती हो रही है, मैं उनके साथ रहता हूँ! पर ऐसी बातें मैं नहीं बोलता।

- बदमाश लड़के! मैंने सुना था, तुमने ही तो कहाँ था, " भैया से ना हुआ तो तुम्हे बुलाने " हि! हि!😁😁 आओ आओ बेडरूम में आओ और वो सामने वाला दरवाज़ा बन्द कर दो।

- क्यों दरवाज़ा क्यों बन्द करूँ?

- तुम ना सच में! हम दोनों अंदर अकेले रहेंगे, कोई आ गया तो? अरे ये क्या, इतने पसीने क्यो आ रहे है? मुझे तो हल्की हल्की सर्दी महसूस हो रही है, तो क्या मुझे बुखार आ रहा है? ज़रा मुझे हाथ लगाकर देखो तो? अरे बापरे, ये क्या तुम्हारे हाथ क्यों काँप रहे है?

- नहीं, मतलब, वो मैंने ना पहले कभी किसी महिला या लड़की को ऐसे छुआ नहीं है।

- लै बाबा! इतने में ही मर्दांगी की सारी हवा निकल गई!खड़े खड़े ऐसे टोन मारते हो दोस्तों के साथ, ऐसा लगता है जैसे कितने बाघों को मारकर आय हो, अभी तो देख रही हूँ, बिल्ली देखकर ही पैंट गीली - पीली हो जाने के काबिल हो। अच्छा! अब जल्दी से अपने कपड़े उतारो, वक़्त बहुत कम है।

- अ... अ... अभी... इतने कपड़े उतार दूँ... पहले थोड़ा सा....

- उफ्फ! देर मत लगाओ, जो कह रही हूँ वही करो! तुम्हारे भैया से नहीं हुआ इसलिए ही तो तुम्हे....

- अच्छा अच्छा आप जैसा कहेंगी भाबी जी.. हे! हे!

- हम्म, गुड बॉय! ना ना जांगिया नहीं भी खोलोगे तो भी चलेगा। अच्छा अब सुनो! सामने वाला दरवाज़ा खोलकर बाथरूम में घुसो।

- अब बाथरूम क्यों? अच्छा समझा, बाथरूम में घुसकर सुसु करके आऊँ, पर अभी तो मुझे लगी नहीं है।

- ज़्यादा मत बोलो, जितना बोली उतना ही करो, बाथरूम का दरवाज़ा बंद करने की ज़रूरत नहीं।
अब मैं जो बोल रही हूँ, वही करो, कमोड के अंदर मेरा एक earing गिर गया है। कामवाली बाई को बोली 500 रुपए दूँगी, उसने कह दिया उसे 10000 भी दिया गया तब भी वो नहीं करेगी। तुम्हारे भैया ने भी स्टिक से निकालने की बहुत कोशिशें की, पर उनसे भी नहीं हुआ। छोटी सी चीज़ है ना, हाथ से नहीं उठाया तो मिलना impossible। तब भी मुझे तुम्हारी वो बात याद आ गई "भैया से नहीं हुआ तो....

- इसका मतलब! आपने मुझे... impossible

- देखो, तुम मेरे घर आय हो, ये बहुत लोगो ने देखा है। अब अगर मैं ज़ोर से चिल्लाउ, क्या होगा! समझ सकते हो? तुम्हारे जान से प्यारे दोस्त, जो तुम्हारे साथ बैठते है, अभी वही हीरो बनने के लिए, पब्लिक बनकर मार मारकर तुम्हारा कचुम्बर बना देंगे। सिर्फ इतना ही नहीं पब्लिक से पुलिस तक भी पानी नहीं बहेगा इसका भी कोई गारंटी नहीं है। और तुम क्लब में बैठकर जो टोन टिटकारी मारते हो, ये तो पूरी कॉलोनी जानती है। दो से चार करने में, मुझे ज़रा भी वक़्त नहीं लगेगा।

- अच्छा अच्छा! निकाल देता हूँ! ईश, कितनी बदबूं है यहाँ!! कहाँ है, मिल ही नहीं रहा।

- अच्छे से हाथ घुसाके देखो, ज़रूर मिलेगा।

- व्याक्! मुझे उल्टी हो जाएगी। मुझसे नहीं होगा।

- मुह से तो उल्टी से भी बत्तर बाते निकालते हो, आज थोड़ी उल्टी ही सही!
नहीं हो रहा तो जाने दो, देखती हूँ क्या किया जा सकता है।

- क्या करेंगी?

- ये तुम्हारे पैंट शर्ट लेकर बाहर जा रही हूँ। तुम यही घर पे रहो।

- नहीं नहीं भाबी, प्लिज़ ऐसा मत कीजिए। मैं ढूंढ देता हूँ ना। बस.. बस... बस... मिल गया।

- अब देखो वहा साबुन रखा है, अच्छे से उसे धोकर रखके निकलकर बाहर आओ।

- अच्छा! ठीक है।

- अच्छे से साफ करना, मैं इसके बाद test लुंगी।

- कैसा test?

- उसको धोकर तुम उसे अपने मुह में लोगे। वैसे तुम्हारा मुह जितना गंदा है! उसे मुह में रखकर फिर धोकर रख देना।

- ईश, छिः! क्षमा कर दें, अब कभी नहीं करूँगा। मैं अच्छे से साफ कर देता हूँ, पर अभी इस earing को मुह में नहीं ले सकता। प्लिज़....

- अच्छा! ठीक है, अच्छे से साफ कर दो।

- हो गया, अच्छे से साफ कर दिया, अब क्या करना है?

- बहुत कर चुके हो, फिर कभी ज़रूरत महसूस हुई, तो फिर बुलाऊँगी। और एक बात सुनते जाओ, तुम्हारे हाथ उस कमोड में घुसाते हुए, उसकी वीडियो मस्त आई है। कल से अगर तुम्हारे ज़ुबान से कोई भी टोन टिटकारी किसीको भी बोलते हुए नज़र आय, ये वीडियो फेसबुक में वाइरल हो जाएगा, ये बात अच्छे से दिमाग में बिठालो। अब यहाँ से दफा हो।

समाप्त....


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