प्रेम कहानी Social Site वाली....
जी हां.. हममें से अधिकांश ने किया होगा.. स्वीकारोक्ति करने की हिम्मत कम में होगी,
वैसे ये उतनी अपवित्र या ना पाक ना होती है यदि शालीनता और मर्यादित हो की जाएं.., जी प्राइवेसी अर्थात् निजता का यदि सम्मान करते हुए दो विपरीत लिंगी यदि अपनी भावनाओं को बता आपस में खुश हो लेते हैं तो बुरा क्या है..
इन प्रेम कहानियों के किरदारों के नामों की आवश्यकता ना होती है ना ये रिश्तों रूपी...
वैसे ये उतनी अपवित्र या ना पाक ना होती है यदि शालीनता और मर्यादित हो की जाएं.., जी प्राइवेसी अर्थात् निजता का यदि सम्मान करते हुए दो विपरीत लिंगी यदि अपनी भावनाओं को बता आपस में खुश हो लेते हैं तो बुरा क्या है..
इन प्रेम कहानियों के किरदारों के नामों की आवश्यकता ना होती है ना ये रिश्तों रूपी...