...

0 views

एक रोटी
तीन व्यक्ति एक सिद्ध गुरु से दीक्षा प्राप्त कर वापस लौट रहे थे. गुरु जी ने उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान के साथ – साथ व्यवहारिक होने की भी सीख दी थी.
तीनो तमाम ग्रंथों, पुराणों पर चर्चा करते आगे बढ़ते जा रहे थे . बहुत समय चलने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि अब उन्हें कहीं विश्राम करना चाहिए और रात गुजार कर ही आगे बढ़ना चाहिए। वे एक जगह रुके और खाने की पोटली खोली . पर दुर्भाग्यवश उसमे एक ही रोटी बची
...
थी . तीनो ने सोचा कि इसे बाँट कर खाने से
किसी की भूख नहीं मिटेगी अच्छा होगा कि
कोई एक ही इसे खा ले .


पर वो एक व्यक्ति कौन हो ये कैसे पता चले ?

चूँकि वे आध्यात्मिक अनुभव कर लौट रहे थे इसलिए तीनो ने तय किया कि इसका निर्णय वे भगवान पर छोड़ देंगे ... भगवान ही कुछ ऐसा इशारा करेंगे कि समझ में आ जायेगा कि रोटी किसे कहानी चाहिए .

और ऐसा सोच कर वे तीनो लेट गए, थके होने के कारण जल्द ही सबकी आँख लग गयी .

जब अगली सुबह वे उठे तो पहले व्यक्ति ने कहा, "कल रात मेरे सपने में एक देवदूत आये वे मुझे स्वर्ग की सैर पर ले गए ... सचमुच इससे पहले मैंने कभी ऐसे दृश्य नहीं देखे थे ... असीम शांति असीम सौंदर्य... मैंने हर जगह देखी और जब मैं भ्रमण के अंतिम चरण में था तो सफ़ेद वस्त्र पहने एक महात्मा ने मुझसे कहा " पुत्र ये रोटी लो ... इसे प्रसाद समझो और अपनी भूख मिटाओ "

पहले व्यक्ति ने अपनी बात खत्म ही की थी कि दूसरा वयक्ति बोला,

कितनी अजीब बात है, मैंने भी बिलकुल ऐसा ही सपना देखा और अंत में एक महात्मा ने मुझे स्पष्ट निर्देश दिए कि मैंने जीवन भर लोगों का भला किया है इसलिए रोटी पर मेरा ही हक़ बनता है .

उन दोनों की बातें सुन तीसरा व्यक्ति चुप-चाप बैठा था .

" तुमने क्या सपना देखा ?", पहले व्यक्ति ने पुछा

मेरे सपने में कुछ भी नहीं था, मैं कहीं नहीं गया, और न ही मुझे कोई महात्मा दिखे.
लेकिन रात में जब एक बार मेरी नींद टूटी तो मैंने उठकर रोटी खा ली .

अरे... तुमने ये क्या किया .....
ऐसा करने से
पहले तुमने हमें बताया क्यों नहीं " बाकी दोनों ने
गुस्से से पुछा .

कैसे बताता, तुम दोनों अपने - अपने सपनो में इतने दूर जो चले गए थे.", तीसरे व्यक्ति ने कहा.

और कल ही तो गुरु जी ने हमें बताया था कि आध्यात्मिक ज्ञान के साथ साथ व्यवहारिक ज्ञान का महत्त्व समझना चाहिए. मेरे मामले में भगवान ने जल्द ही मुझे संकेत दे दिया की भूखों मरने से अच्छा है कि रोटी खा ली जाए... और मैंने वही किया .

© @Ruharsh