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Tampon kya hai ?
Tampon kya hai ?



टैम्पोन क्या है ?

What is a Tampon?


Tampon, एक ऐसी चीज है जो महिलाओं के मासिक धर्म में एक पैड की तरह काम करता है। यह मासिक धर्म के दौरान योनि से निकलने वाले खून को अवशोषित करने के लिए योनि के अंदर डाला जाता है।


टैम्पोन आकार में सिलेंडर या सीरिंज की तरह होता है जिसे बिल्कुल आसानी से योनि में डाला और निकाला जा सकता है।


टैम्पोन कॉटन, रेयान या इन दोनों को मिलाकर बनाया जाता है। यह पीरियड के दौरान योनि के खून को पूरी तरह सोख लेता है। टैम्पोन अलग-अलग साइज में बाजारों में उपलब्ध है।


टैम्पोन के प्रकार -

Types of Tampon -


अलग-अलग साइज के टैम्पोन की अवशोषित करने की क्षमता (absorption capacity) भी अलग-अलग होती है। जैसे कि -


लाइट टैम्पोन - नए लोगों के लिए लाइट टैम्पोन अच्छा माना जाता है क्योंकि इसे योनि में डालना आसान होता है और यह ब्लड को अच्छी तरह से सोखता है।


रेगुलर टैम्पोन - रेगुलर टैम्पोन में लाइट टैम्पोन की अपेक्षा अधिक मात्रा में और अधिक देर तक ब्लड को अवशोषित करने की क्षमता होती है। लेकिन जब पीरियड में खून कम आता है या पीरियड खत्म होने वाला हो तो इसे इस्तेमाल करना सही नहीं है।


सुपर टैम्पोन - अमूमन मासिक धर्म के पहले और दूसरे दिन महिलाओं को अधिक खून निकलता है। सुपर टैम्पोन पहले और दूसरे दिन निकलने वाले अधिक खून और खून के अधिक बहाव को अवशोषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


सुपर प्लस टैम्पोन - अगर आपको बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो और आपको यह डर हो कि कहीं यह आपके जींस में न लग जाए तो इस डर से बचने के लिए सुपर प्लस टैम्पोन का इस्तेमाल किया जाता है। यह कहीं से भी ब्लड को लीक नहीं होने देता है और आप सुरक्षित महसूस करती हैं।


यह पूरे खून को आसानी से सोख लेता है। इसे आठ घंटे के भीतर बदलने की जरूरत होती है।




टैम्पोन इस्तेमाल करने का सही तरीका -

Tips for Proper Use of Tampon -


योनि में टैम्पोन को सही तरीके से लगाना बहुत जरूरी है। बरना कई सारी परेशानियाँ हो सकती हैं। आईए जानते है कि कैसे use करना हैं।


आपको बैठने में सहजता महसूस हो तो बैठ जाएं या अगर खड़े होकर लगाना चाहती हैं तो खड़े रहें। कुछ महिलाएं अपना एक पैर टॉयलेट सीट (toilet sheet) पर और एक पैर नीचे या एक पैर टब के ऊपर और दूसरा पैर नीचे रखकर टैम्पोन लगाती हैं। खैर, आपको जो पोजिशन ठीक लगे उसमें आप आ जाएं।अब टैम्पोन के छोटे और पतले हिस्से को बीच से पकड़ें और इसे योनि में अंदर तक डालें। यह ध्यान रखें कि टैम्पोन का स्ट्रिंग बाहर से दिखाई देना चाहिए और यह आपके शरीर से टकराना भी नहीं चाहिए।


अपने दूसरे हाथ से योनि की स्किन की फोल्ड को हटाएं और योनि के द्वार पर टैम्पोन को डालें।


अब बिल्कुल आराम से टैम्पोन को योनि द्वार (vagina opening) के अंदर प्रवेश कराएं और जब आपकी उंगलियां शरीर को छूने लगे तो इसे छोड़ दें, बाहर की ओर सिर्फ आउटर ट्यूब ही रहेगा।


Tampon योनि के अंदर प्रवेश कर जाए तो इसके बाहरी ट्यूब के हिस्से पर जहां कि स्ट्रिंग दिखाई देता है, इसे उंगली से हल्ले से धक्का दें। इससे टैम्पोन योनि के अंदर सही तरीके से चला जाता है।


जब अंदरूनी ट्यूब योनि में चला जाए तो अंगूठे और बीच की उंगली की मदद से आउटर ट्यूब को हटा दें। लेकिन यह ध्यान दें कि स्ट्रिंग योनि के द्वार पर ही लटकता रहेगा। बाद में जब आपको टैम्पोन निकालने की जरूरत पड़े तो स्ट्रिंग (string) को पकड़कर आराम से नीचे की ओर खींचे, टैम्पोन आराम से निकल जाएगा।


टैम्पोन को लगाने से पहले और टैम्पोन को योनि से निकालने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह साफ कर लें।


टैम्पोन के फायदे -

Benefits of Tampon -


टैम्पोन योनि के अंदर ही खून को अवशोषित कर लेता है इसलिए कपड़े में पीरियड का खून लगने का डर नहीं रहता है।


Tampon का इस्तेमाल करने का एक फायदा यह होता है कि इसे लगाने से पैड की तरह यह पैंटी को खून (blood) से गीला नहीं करता जिससे आपकी एक बड़ी परेशानी दूर हो जाती है।


अधिक खून निकलने पर बार-बार पैड की तरह इसे बदलने की चिंता नहीं रहती है क्योंकि यह अधिक खून को आसानी से सोखने की क्षमता रखता है।


टैम्पोन, पैड की तरह भारी नहीं लगता है और ना ही उठने-बैठने में अधिक खिसकता है। इसलिए टैम्पोन लगाने के बाद आप काफी राहत महसूस करेंगी।


टैम्पोन के नुकसान -

Side Effects of Tampon -


सैनिटरी पैड को बार-बार चेक किया जा सकता है लेकिन टैम्पोन (tampon)को एक बार लगाने के बाद बार-बार चेक नहीं किया जा सकता है।


Tampon को बनाने में क्लोरीन, पेस्टिसाइड और केमिकल का प्रयोग किया जाता है। टैम्पोन का इस्तेमाल कई मामलों में खतरनाक हो सकता है।


Tampon का इस्तेमाल करने से योनि में खुजली और जलन भी हो सकता है। इसलिए यदि आपकी अंदरूनी त्वचा अधिक संवेदनशील हो तो आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।


Tampon में क्लोरीन होने के कारण इसके इस्तेमाल से गर्भाशय कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बना रहता है।



✍️अनुभा पुरोहित चतुर्वेदी













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