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डर का सच्चा अहेसास : काली चौदस
बचपन मे हम लोग कई सारी कहानी भूतो की सुनते है । और उसमें भी काली काली चौदस की कहानी तो कई सारे लोगो के पसीने छुड़ाती है और सबसे भयानक भी वो रात होती है ।क्योंकि उस समय काली शक्तियॉ काफी प्रभाव में होती है । और यही प्रभाव लोगो के दिलो और धड़कनों को कंपा देता है ।भूतो की कहानी की सबसे ख़ौफ़नाक बात में बताने जा रहा हु जो सबको डर का सच्चा और धड़कनो को रुकाने वाला अहेसास कराएगी जो काफी हिमंत से ही वो पढ़ना । तो कहानी शुरू करते है ।

वीरांगनगर करके एक छोटा सा गांव हुआ करता था और उस गांव की काली शक्तियॉ और उससे जुड़े लोग आसपास के गांवो में दहेशत का दुसरा नाम हुआ करते थे ।और उसमें भी तंत्र क्रियाए करने में उस गांव का कोई भी मुकाबला नही कर शकता था । वीरांग नगर जिससे नाम से ही काली शक्तियॉ खोफ खाती है और जिसका तोड़ मिलना ना मुकिन के बराबर था । और उसी काली शक्तियों के एक प्रखर बाबा हुआ करते है जिनका नाम बाबा कालीनाथ था वो इतने प्रखर थे कि जिनका काला जादू भी काफी अचूक था और प्राणघातक भी था ।और बाबा कालीनाथ कई बार अमावस्या और काली चौदस की रात को अघोर साधनाए करते थे और काफी शक्तिशाली सिद्धिया उनको हाशिल होती थी ।

और यही मिली हुई सिद्धियो को बाबा कालीनाथ और प्रचण्ड बनाने के लिए स्मशान में जाते है और वो भी काली चौदस की रात को जो घटना उनके साथ वहाँ होती है वो घटना शायद ही भगवान किसी के साथ करे । काली चौदस की सुबह से शाम तक अनेक लोग उनके आर्शीवाद लेने आते है और मनकी मुरादे बाबा को बताते है ।और बाबा अपनी शक्तियों और सिद्धि से अनेक समस्याओं का निवारण करते थे । और काली चौदस की रात को बाबा कालीनाथ उसी सिद्धिया और शक्तियॉ को प्रयोग करके आत्माओ से मनचाहा काम करवाने हेतु श्मशान में जाते है ।और उनके साथ उनका 1 शिष्य भी साथ होता है ।...