...

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मास्टरमाइंड (भाग 10)
काव्या की बात सुनने के बाद सीता जी काव्या को सबकुछ बताने का फैसला करती हैं...

सीता: ये फाइल मैंने बनाई है और ये लड़की... स्वाती है, मेरी स्कूल की दोस्त।
काव्या: क्या??
सीता: स्वाती और मैं... हाई स्कूल और इंटर एक ही स्कूल से पढ़े थे और हम एक अच्छे दोस्त भी थे। पर स्वाती का परिवार गरीब था इसलिए उसने धन संबंधी समस्या की वजह से एक निम्न श्रेणी का कॉलेज चुना, कॉलेज के तीन साल तक हमारी फोन पर ही बात हुई, कभी मिलना जुलना नहीं हुआ। फोन पर स्वाती अक्सर अपने ब्वॉयफ्रेंड के बारे में बात किया करती थी।
तीन साल बाद एक दिन रास्ते में किसी ने मेरा पर्स छीन लिया... वैसे शहर में चोरियां बहुत हो रही थी पर अपना पर्स खोने की वजह से मैंने चोर को पकड़ने का फैसला किया या फिर यह कह लो की... मुझे डिटेक्टिव बनने का बहुत शौक था इसलिए मैंने चोर को पकड़ने का फैसला किया।
आसपास के लोगों से मुझे पता चला की चोरियां कोई गैंग कर रही है जो मास्टरमाइंड के नाम से जानी जाती है। उसके बाद मैं चोरी वाली गैंग पर रिसर्च करने लगी.... और धीरे धीरे ये फाइल तैयार हो गई। एक दिन मुझे उस गैंग के बॉस का घर का पता(एड्रेस) मालूम चल गया और बिना सोचे समझे मैंने एड्रेस पुलिस को दे दिया।
जब पुलिस उस घर में गई तो उन्हे घर में केवल एक लड़की मिली, उसके बाद पता चला की वो लड़की पुलिस से बचकर भाग रही थी तभी उसका एक्सीडेंट हो गया और वो मर गई। पुलिस के पहुंचने से पहले मुझे पता चल गया था कि वो लड़की स्वाती है... मेरी दोस्त स्वाती और मास्टरमाइंड गैंग का लीडर उसका बॉयफ्रेंड, पर मैं कुछ नहीं कर सकी और खुद की वजह से अपनी दोस्त को खो दिया....

काव्या: उसके बाद क्या हुआ?? क्या मास्टरमाइंड गैंग पकड़ी गई??
सीता: जब स्वाती के ब्वॉयफ्रेंड यानी मास्टरमाइंड के बॉस को पता चला की उस घर का एड्रेस मैंने दिया था तो उसने मुझपर जानलेवा हमला करवाया और उस हमले में...... मेरी मां मारी गई।
काव्या: तो क्या इसलिए नाना जी आपसे नफरत....
सीता: मेरे पापा.... मां से बहुत प्यार करते थे और यह जानकर की उनकी मौत की वजह मैं हूं उन्होंने गुस्से में मुझे घर से निकाल दिया। वो बाद में मुझे वापस लेने आए थे पर... तुम्हें मेरी गोदी में देखकर वह खाली हाथ वापस लौट गए.....(रोते हुए)

काव्या: मां.....
सीता: मैं ठीक हूं.....
मुझे बस इतना ही पता है..., उसके बाद मास्टरमाइंड का क्या हुआ मुझे कुछ नहीं मालूम।
राज: मैम! आपने इस फाइल में एक बच्ची का भी जिक्र किया है, आपकी दोस्त की बेटी... उसका क्या हुआ??

राज का सवाल सुन सीता जी घबरा जाती हैं और काव्या की तरफ देखने लगती हैं।

सीता: मुझे नहीं पता.....

सीता जी से सवाल करने के बाद काव्या और राज वापस घर आ जाते हैं। उन्हें मास्टरमाइंड के बारे में जानकारी तो बहुत मिलती है पर उन्हें ढूंढने में मदद मिल पाए ऐसी कोई भी जानकारी उनके हाथ नहीं लगती है। काव्या मास्टरमाइंड की फाइल और स्वाती की फोटोफ्रेम को अपने कमरे में रखने ले जा रही होती है और राज काव्या की मां का अपने पूछे सवाल पर दिए हुए प्रतिक्रिया के बारे में सोच रहा होता है कि तभी काव्या के हाथ से स्वाती की फोटोफ्रेम छूटकर गिर जाती है और टूट जाती है।
काव्या जब फोटो को उठाती है तो देखती है उस फोटो के पीछे की साइड भी एक फोटो चिपकी हुई है जो स्वाती और एक आदमी की होती है। उस फोटो में स्वाती के साथ जो आदमी होता है उसे देखकर काव्या शॉक हो जाती है....

फोटो देखने के बाद काव्या तुरंत राज के साथ मास्टरमाइंड की फाइल और वो फोटो लेकर कमिश्नर से मिलने के लिए निकल जाती है।

कमिश्नर से बात करने के बाद काव्या और राज शाम को घर आते हैं, सिर्फ दो दिन बचा होता है इसलिए उन्हें टेंशन हो रही होती है कि आगे क्या होगा....

दो दिन बाद.....




To Be Continued...
#mastermind
© Sankranti chauhan