...

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स्वीकार्यता
मित्रों सुप्रभात।
मित्रों, बहुत पर्दे किये हैं उस परमात्मा ने, सत्य कहता हूँ,मेरी और आपकी कमियां अगर निकल कर सामने आ जायें, तो हम शक्ल ना दिखा पाएँ एक दूसरे को, बहुत कारसाज (दयालु) है वो,
कोई झांकने को तैयार नहीं अपने भीतर, मैं भी नहीं।धर्म पर मेरे अपने शोध हैं, मैं अपने अनुभवों...