...

7 views

प्रेम अहसान या फर्ज
मैने दुनिया में आमतौर पर तीन तरह के इंसान को देखा है ।
पहला –:वो इंसान जो खुद से प्यार करने का हक सबको देता है।
पर खुद से नाराज होने का हक सबको नहीं देता ।
दूसरा –:वो इंसान जो खुद से प्यार करने का हक सब को देता हैं पर खुद से नाराज़ होने का भी हक सब को देता हैं ये असल में ये लोग इंसान से बढ़कर होते sayad भगवान 🙏🙏🙏🙏🙏...
तीसरा –:वो इंसान जो खुद से प्यार करने का सबको नहीं देता पर खुद से नाराज होने का हक सबको देता है ये असल में वो इंसान है 😔😔😔😔😔😔जिसे लगता है की कोई इंसान मुझसे प्यार करेगा तो मुझे उसका ये अहसान उतारना पड़ेगा । क्यों प्यार करना मतलब अहसान करना ? पर आज के समय में प्यार करने का मतलब अहसान करना होता है इसलिए तो आज कल के प्रेम में स्वार्थ होने लगा है ।क्योंकि किसी से प्रेम करने के लिए पहले उससे प्यार करना पड़ता है क्या ये सच नहीं?क्योंकि जब तुम किसी को खुद का अहसान मान उसे अपना प्यार दोगे तो कही न कही तुम्हारे प्रेम में स्वार्थ की मिलावट हो जायेगी ।

पर हकीकत तो ये है प्रेम करना अहसान नहीं प्रेम करना हर इंसान की इंसानियत का फर्ज है।
तभी तो प्रेम निस्वार्थ होगा। तभी तो मां पिता 🙏🙏🙏🙏🙏हमे यही सिखाते है की प्रेम करना हमारा फर्ज होता है तभी तो उनका प्रेम हमेशा निस्वार्थ होता है ।इसलिए प्रेम करना हम सभी का फर्ज है क्योंकि प्यार करना हम सब का हक है।😊😊😊😊😊

© aman 8111819@