अधिकता और संपूर्णता
हमारी भावना शक्ति से बहुत अधिक है प्रकृति की बहुलता।हम जितना सोचते हैं उससे अधिक पाई जाती है प्रकृति में प्राणियों, पेड़ों,भावनाओं आदि में भिन्नता।इसी भिन्नता को प्रकृति की असली सुन्दरता मानी जाती है।हर एक चीज भले ही वो दिखने में समान क्यों न हो पर उसके गुण एक दूसरे से बहुत अलग है।प्रकृति की हर एक चीज विशेष है।
परमात्मा की बनाई हुई हर एक चीज अपनी स्वतंत्र गुण रखती है।सारे गुण किसी एक के पास नहीं होता,पर सारे गुण इस एक संसार में ही भिन्न...
परमात्मा की बनाई हुई हर एक चीज अपनी स्वतंत्र गुण रखती है।सारे गुण किसी एक के पास नहीं होता,पर सारे गुण इस एक संसार में ही भिन्न...