एक कहानी ऐसी भी - भाग दो
नमस्कार दोस्तों
आज हम फिर से हाज़िर हैं अपनी कहानी के दूसरे अध्याय के साथ। जैसा कि कल हमने देखा कि मयंक अपनी धर्मपत्नी मिताली को बिना कारण मायके छोड़ जाता है। कयी दिन बीत जाने पर भी जब मयंक मिताली की ख़ैर ख़बर तक से अनजान, उसे वापस लेने तक नहीं आया तो मिताली को मयंक की ऐसी प्रतिक्रिया पर संदेह होता है। और वो मन ही मन इस रहस्य से पर्दा उठाने का ठान लेती है। उसने एक दिन मयंक के आफिस पर call लगाया तो उसे पता चला कि मयंक ने अपने आफिस से तबादला कर किसी दूसरी शाखा...
आज हम फिर से हाज़िर हैं अपनी कहानी के दूसरे अध्याय के साथ। जैसा कि कल हमने देखा कि मयंक अपनी धर्मपत्नी मिताली को बिना कारण मायके छोड़ जाता है। कयी दिन बीत जाने पर भी जब मयंक मिताली की ख़ैर ख़बर तक से अनजान, उसे वापस लेने तक नहीं आया तो मिताली को मयंक की ऐसी प्रतिक्रिया पर संदेह होता है। और वो मन ही मन इस रहस्य से पर्दा उठाने का ठान लेती है। उसने एक दिन मयंक के आफिस पर call लगाया तो उसे पता चला कि मयंक ने अपने आफिस से तबादला कर किसी दूसरी शाखा...