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सुकून 😊
ना जाने क्यों कुछ दिनों से मन में एक इच्छा जगी क्यों ना हम उन पुराणों से जुड़े जिनका मतलब हमारे आज से हैं।
जब दुनिया में हो रहे इंसान की इंसानियत खोती नजर आयी हर तरफ झूठ से लोगों को पेट भरता देखा जब रूपये की ताकत बच्चा बच्चा समझने लगा तब इन सब मोह माया से दूर होकर परमात्मा की तरफ ये मन हो गया।
आज उन जगहों पर जाने का मन हुआ जहाँ जाने से आत्मा सुकून पाती है जहाँ निस्वार्थ जीवन जीया जाता हैं जहाँ दुनिया की चकाचोध नहीं मगर वहाँ ख़ुशी हैं वो ख़ुशी वो रहस्यों में छिपी हैं। वो सुकून की सांस हमें देती हैं।
ये बात वही समझते हैं जिन्हें दुनिया की माया समझ आ गई जो इनसे ऊपर उठ चले हैं जिनका जीवन आध्यात्मिकता से जुड़ने लगा हैं। हम चीजों का प्रयोग तो कर रहे हैं लेकिन फिर हम उनके बिना नहीं जी पा रहे हैं। ऐसे में एक शांत मंदिर या शांत जगह पर बैठ कर देखो तुम उन चीजों के बगैर जीने लगोगे और बहुत ख़ुश रहोगे। कुछ पल करके देखो कितना सुकून मिलेगा। किसी से कुछ मांगने की इच्छा ना रखो बस देने का प्रयास करो जीवन सुधर जायेगा।
© Niharik@ ki kalam se✍️