प्यार करता बेहद लाचार....💔
#भाग: ०२
उतना कह कर वो ख़ामोश हो गई फिर अगले दिन उसे मालूम होता है की अब उसकी बहन और उसका दोस्त एक दूजे से बातें करने लगे ।
यह जान कर अपनी बहन की खुशी में वो खुश हुई फिर एक पल को सोची उस लड़के बारे में की उसने तो मना करा था फिर कैसे ये सब।
इस बारे वो जब उससे बात करती है तो वो कुछ नहीं कहता और ख़ामोश रहता है फिर वो लकड़ी कहती है अगर आप अपनी मर्ज़ी से ये फैसला लिया हो तब ठीक है वर्ना आप इस बारे में सोच सकते हो क्योंकि ये मज़ाक नहीं है।
ब्रेकअप ये सब रिश्तों में नहीं होता अगर आप निभा सको तभी साथ रहना।
इतना कह वो अब अपने ज़िंदगी के मसलों में उलझ गई पर जब भी उसकी बात होती वो दोनों को ही रिश्ते की एहीमियत समझाती और एक दूसरे को हमेशा समझने के लिए कहती साथ ही साथ देने को भी कहती।
ऐसे ही दिन गुजरते गया फिर एक ऐसा हादसा होता है जिससे मानों सब कुछ उथल पुथल सा हो गया। उस लड़की की दादी भयंकर आग में झुलस जाती है १२ दिन अस्पताल में भर्ती होने के १३वे दिन सांसें तोड़ देती है और उनका देहांत हो जाता है।
इसी बीच उसका दोस्त और वो काफ़ी भावनात्मक रूप से क़रीब हो गए थे और वो सभी बातें उस लड़के से सांझा करने लगी हालाकी वो लड़का काफी कम बोलता था वो हमेशा उसे समझने की कोशिश किया करती और समझाया भी करती।
दादी के देहांत के बाद परिवार काफ़ी टूट गया था और दूसरी ओर पढ़ाई और परीक्षा जिसके लिए उसे शहर वापस जाना पड़ा साथ ही उसका दोस्त भी गया और उसकी बहने भी।
वो दोनो साथ में रहने लगे ज्यादा समय साथ ही रहते और एक दिन अचानक फ़ोन कॉल पर उसके दोस्त ने प्यार का इज़हार उसी से कर डाला और उसने ये मज़ाक समझ लिया क्युकी पहले भी एक दो बार हो चुका था ऐसा पर इस बार उस लड़के ने मज़ाक कह कर बात टाला नहीं और फिर उसे समझाने लगा की शुरू में वो क्यों मना किया था जब वो अपनी बहन के बारे में कही थी तो और उसने ये तक कह डाला सिर्फ़ उसकी खुशी के लिए उसकी बहन के साथ रिश्ते में था।
इतना पता चलते ही उसे समझ नहीं आ रहा था की क्या करे गुस्सा या फिर अफसोस क्युकी सबकी शुरूवात उसने ही करी थी।
ऐसे में वो काफी समझाई उसे मगर वो समझने को तैयार ही नहीं।
कुछ दिन बाद जब वो...
उतना कह कर वो ख़ामोश हो गई फिर अगले दिन उसे मालूम होता है की अब उसकी बहन और उसका दोस्त एक दूजे से बातें करने लगे ।
यह जान कर अपनी बहन की खुशी में वो खुश हुई फिर एक पल को सोची उस लड़के बारे में की उसने तो मना करा था फिर कैसे ये सब।
इस बारे वो जब उससे बात करती है तो वो कुछ नहीं कहता और ख़ामोश रहता है फिर वो लकड़ी कहती है अगर आप अपनी मर्ज़ी से ये फैसला लिया हो तब ठीक है वर्ना आप इस बारे में सोच सकते हो क्योंकि ये मज़ाक नहीं है।
ब्रेकअप ये सब रिश्तों में नहीं होता अगर आप निभा सको तभी साथ रहना।
इतना कह वो अब अपने ज़िंदगी के मसलों में उलझ गई पर जब भी उसकी बात होती वो दोनों को ही रिश्ते की एहीमियत समझाती और एक दूसरे को हमेशा समझने के लिए कहती साथ ही साथ देने को भी कहती।
ऐसे ही दिन गुजरते गया फिर एक ऐसा हादसा होता है जिससे मानों सब कुछ उथल पुथल सा हो गया। उस लड़की की दादी भयंकर आग में झुलस जाती है १२ दिन अस्पताल में भर्ती होने के १३वे दिन सांसें तोड़ देती है और उनका देहांत हो जाता है।
इसी बीच उसका दोस्त और वो काफ़ी भावनात्मक रूप से क़रीब हो गए थे और वो सभी बातें उस लड़के से सांझा करने लगी हालाकी वो लड़का काफी कम बोलता था वो हमेशा उसे समझने की कोशिश किया करती और समझाया भी करती।
दादी के देहांत के बाद परिवार काफ़ी टूट गया था और दूसरी ओर पढ़ाई और परीक्षा जिसके लिए उसे शहर वापस जाना पड़ा साथ ही उसका दोस्त भी गया और उसकी बहने भी।
वो दोनो साथ में रहने लगे ज्यादा समय साथ ही रहते और एक दिन अचानक फ़ोन कॉल पर उसके दोस्त ने प्यार का इज़हार उसी से कर डाला और उसने ये मज़ाक समझ लिया क्युकी पहले भी एक दो बार हो चुका था ऐसा पर इस बार उस लड़के ने मज़ाक कह कर बात टाला नहीं और फिर उसे समझाने लगा की शुरू में वो क्यों मना किया था जब वो अपनी बहन के बारे में कही थी तो और उसने ये तक कह डाला सिर्फ़ उसकी खुशी के लिए उसकी बहन के साथ रिश्ते में था।
इतना पता चलते ही उसे समझ नहीं आ रहा था की क्या करे गुस्सा या फिर अफसोस क्युकी सबकी शुरूवात उसने ही करी थी।
ऐसे में वो काफी समझाई उसे मगर वो समझने को तैयार ही नहीं।
कुछ दिन बाद जब वो...