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गुरु का ज्ञान। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
एक बार एक गुरुकुल में एक शिष्य अपने गुरु से पूछता है।

शिष 👱🏻‍♂️ :- प्रणाम गुरुदेव, मैंने बहुत सारा धार्मिक सीरियल में देखा है कि स्वर्ग के राजा देवराज इंद्र स्वर्ग में बैठकर शराब पीते हैं, क्या यह सच बात है ?


गुरुदेव 🤴🏻 :- नहीं वत्स , देवराज इंद्र शराब नहीं सोमरस पीते थे। सोमरस एक प्रकार का अमृत हुआ करता था, जो कुछ खास जड़ी-बूटियों और औषधियों को मिलाकर बनाया जाता था, जिसको देवता अपने शरीर में ऊर्जा, चुस्ती एवं तंदुरुस्त लाने के लिए पिया करते थे, और जब स्वर्गलोक पर असुरो ने कब्जा कर लिया तो सोमरस का नाम बदलकर मदीना रख दिया, आज असुर प्रजाति के लोग शराब पीते हैं और बोलते हैं यह तो सोमरस है, और कुछ अज्ञानी लोग तो उज्जैन के काल भैरव के मंदिर में शराब भी चढ़ाया करते हैं, किंतु ऐसा कुछ भी नहीं है, भगवान कालभैरव और देवराज इंद्र कभी भी शराब नहीं पीते थे।


शिष्य 👱🏻‍♂️:- मां काली के मंदिर में बकरे की बलि क्यों दी जाती है ?
क्या मां काली मांस खाती है ? क्या मां काली रक्तपान करती हैं ? क्या है इसके पीछे की सच्चाई गुरुदेव ?


गुरुदेव 🤴🏻:- सतयुग में एक रक्तबीज नाम का असर हुआ करता था, उसको परमपिता ब्रह्मदेव से यह वरदान मिला था कि उसके शरीर से जितना भी रक्त का बूँद भूमि पर गिरेगा उस हर रक्त की बूंद से एक नए रक्तबीज की उत्पत्ति हो जाएगा, तब मां पार्वती ने महाकाली का रूप धारण कर रक्तबीजो का संघार करने लगी, और इससे पहले की रक्तबीज का रक्त भूमि पर गिरे उस रक्त को पान करने लगी, इस तरह से रक्तबीज का अस्तित्व दुनिया से मिट गया। किंतु आजकल के अज्ञानी लोग यह समझते हैं कि मां काली को मांस खाना पसंद है, रक्त पीना पसंद है, इसलिए वह हमेशा मां काली के मंदिर में बकरे की बलि चढ़ाते हैं, किंतु ऐसा कुछ भी नहीं है, मां काली मांस नहीं खाती है, मां काली रक्त नहीं पान करती हैं, किसी भी व्यक्ति को मां काली के मंदिर में बकरे की बलि नहीं चढ़ाना चाहिए, यह पाप है।




शिष्य 👱🏻‍♂️ :- क्या भगवान शिव भांग-धतूरे की नशा करते हैं ? आखिर क्यों भगवान शिव पर भांग धतूरे चढ़ाई जाती है ?


गुरुदेव 🤴🏻:- यह सत्य है कि भगवान शिव के ऊपर भांग और धतूरे चढ़ाई जाती है, यह भी सत्य है भगवान शिव को भांग धतूरा पसंद है, किंतु यह कहना बिल्कुल सत्य नही है कि नहीं भगवान शिव भांग-धतूरे की नशा करते हैं, जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था तब समुद्र के ग्रभ से सर्वप्रथम कालकूट नाम का एक हलाहल निकला था, उस हलाहल को भगवान से अपने कंठ में स्थापित कर लिए थे, किंतु हलाहल की गर्मी से भगवान शिव को बहुत कठिनाइयां हो रही थी, तब देवताओं ने भांग और धतूरे लेप बनाकर भगवान शिव के शरीर पर मलने लगे, जिससे भगवान शिव के शरीर को ठंडक मिला और भगवान शिव को शरीर को आराम मिल गया, इसलिए लोग भगवान शिव पर भांग और धतूरे चढ़ाया करते हैं, पर आजकल के अज्ञानी लोग खासकर नशेड़ी लोग यह बोलते हैं कि जब भगवान शिव भांग और धतूरे कि सेवन करते हैं तो हम क्यों नहीं करे, किंतु यह गलत बात है, भगवान शिव कोई भी नशा नहीं करते हैं, भगवान शिव के बारे में ऐसे गलत अफवाह फैलाना यह गलत बात है।





शिष्य 👱🏻‍♂️ :- भगवान शिव अन्य देवताओं की भांति सूती के वस्त्र क्यों नहीं धारण करते हैं, वह क्यों सिंह को मारकर उसका वस्त्र धारण करते हैं ?


गुरुदेव 🤴🏻:- भगवान शिवजी जीस सिंह का खाल को वस्त्र के रूप मे धारण करते हैं वह कोई साधारण सिंह नहीं है, वह भगवान नरसिंह का छाल को अपना वस्त्र बनाकर धारण करते हैं। भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप नाम का असुर का संहार कर दिए थे, लेकिन उसके बाद भी बे अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे थे, जिससे संपूर्ण ब्रह्मांड में उथल-पुथल मच गया, तब सभी देवताओं ने मिलकर भगवान शिव के पास जाकर भगवान नरसिंह को शांत करने के लिए आग्रह किया, तब भगवान शिव शरभ अवतार धारण कर भगवान नरसिंह से 18 दिन तक युद्ध किए, उस युद्ध में भगवान नरसिंह की पराजय हुई और फिर उनका क्रोध भी शांत हो गया, तब भगवान नरसिंह भगवान शिव से बोले कि आप जैसे महा शक्तिशाली को यह सूती का वस्त्र शोभा नहीं देता आप हमारे खाल को अपना वस्त्र बनाकर धारण कीजिए, तब भगवान शिव भगवान नरसिंह के खाल को अपना वस्त्र के रूप में धारण कर लिए।




शिष्य 👱🏻‍♂️ :- क्या भगवान शिव पर दूध चढ़ाना सही बात है या फिर दूध की बर्बादी है ?



गुरुदेव 🤴🏻:- लोग भगवान शिव पर दूध ज्यादातर श्रावण के महीने में चढ़ाते हैं, श्रावन के महीने में बारिश बहुत ज्यादा होती है, इस बारिश में कीड़े-मकोड़े का बहुत ज्यादा उत्पत्ति होती है, और जब गाय घास खाती है तो वह कीड़े मकोड़े घास के सहित गाय के पेट में चले जाते है, जिससे गाय की दूध हानिकारक हो जाती है, इसलिए लोग उस दूध को भगवान शिव के ऊपर चढ़ा देता है क्योंकि भगवान शिव की भी यही इच्छा होती है, लेकिन आजकल के कुछ बॉलीवुड के अज्ञानी लोग इस बात को झूठा साबित करते हैं कि भगवान शिव पर दुध चढ़ा कर दुध को सिर्फ बर्बाद किया जाता है, परंतु ऐसा कुछ भी नहीं होता है। जब से हमारे देश में विदेशों की हवा चली है तब से हमारे देश के लोग अपनी संस्कृति को भूल कर विदेशी धर्म को ही अपना रहे हैं, और हिंदू धर्म को सिर्फ और सिर्फ यह बॉलीवुड वाले बदनाम कर रहे हैं, इसलिए हमें बॉलीवुड की फिल्म नहीं देखना चाहिए हमें बॉलीवुड को बॉयकट करना चाहिए।

शिष्य 👱🏻‍♂️:- मैं बॉलीवुड का फिल्म नहीं देखता हूं गुरुदेव, मैं तो हॉलीवुड का फिल्म देखता हूं, अभी कुछ समय पहले मै एक फिल्म देखा था डॉक्टर स्ट्रेंज मल्टीवर्स आफ मैडनेश। यह फिल्म काल्पनिक था, पर उस फिल्म में दिखाया गया है कि लोग अलग-अलग दुनिया में जाकर अपने ही पात्र से मिल रहे हैं, जो कि असंभव है।


गुरुदेव 🤴🏻:- नहीं वत्स, फिल्म भले ही काल्पनिक हो, किंतु उस फिल्म की कहानी हमारे ही धर्म शास्त्र से चुराई गई है, सिर्फ एक नहीं बहुत सारा ब्रह्मांड है और बहुत सारा दुनिया है, एक बार जब ब्रह्मा जी भगवान श्री कृष्ण के सभी ग्वाले साथियों और गायों को चोरी पूर्वक छुपा दिए थे तब भगवान श्री कृष्ण अपने माया से उन सभी साथियों को और उन सभी गायों का प्रतिबिंब बना दिए थे, बृजवासीओ के किसी को भी यह पता नहीं चल पाया कि यह भगवान श्री कृष्ण का माया है, जब यह ब्रह्माजी देखे तो वह आकर भगवान श्री कृष्ण के चरण में गिर गए। तब भगवान श्री कृष्णा अलग-अलग ब्रह्मांड से अलग-अलग ब्रह्मा जी को बुला लिए, और भगवान श्री कृष्ण ब्रह्मा जी से बोली कि सिर्फ एक ही ब्रह्मांड नहीं है जिसकी उत्पत्ति आपने कि है, इस ब्रह्मांड के बाहर भी हजारों ब्रह्मांड है और उस हजारों ब्रह्मांड की उत्पत्ति हजारों ब्रह्मा जी ने किया है।




गुरुदेव 🤴🏻:- हमें कभी जीव हत्या नहीं करनी चाहिए, कभी भी चोरी नहीं करनी चाहिए, तथा हमें कभी भी अपने मां बाप के दिल नहीं दुखाना चाहिए।



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