मौत का रहस्य
आज की हमारी कहानी शुरू होती है कानपुर की रहने वाली अदिति शुक्ला से। अदिति कानपुर विद्या मंदिर काॅलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है। वह बहुत ही शांत स्वभाव की सुलझी हुई लड़की है। सभी उसके इतने अच्छे स्वभाव के कारण उसको बहुत प्यार करते हैं। अदिति अपने मम्मी पापा की इकलौती बेटी है। उसके पापा एक निजी बैंक में मैनेजर है और उसकी मम्मी गृहिणी है। अदिति की ग्रेजुएशन पूरी होते ही उसके मम्मी पापा ने उसके लिए लड़का देखना शुरू कर दिया। अदिति के अच्छे स्वभाव के कारण उसको काफी रिश्ते आए और आखिरकार अदिति की शादी दिल्ली के रहने वाले इशान के साथ तय हो गई। अदिति की ही तरह इशान भी घर का इकलौता लड़का था। उसके घर में इशान के इलावा उसके मम्मी पापा थे। इशान दिल्ली की ही कंपनी में साॅफ्टवेयर इंजीनियर था और अच्छा कमा लेता था। अदिति बहुत खुश थी कि उसकी शादी इतने अच्छे घर में हो रही है। लड़के वालों ने तो अदिति को देखते ही अपनी बहू मान लिया। एक महीने के बाद दोनों की शादी का मुहूर्त निकला।
अदिति लाल रंग के जोड़े में बहुत ही सुंदर लग रही थी। देखते ही देखते धूमधाम से अदिति और इशान की शादी हो गई और अदिति अपने ससुराल आ गई। उसने आते ही पूरे घर को संभाल लिया और अपने सास ससुर की सेवा में जुट गई। सब कुछ अच्छे से चल रहा था। अदिति के ससुराल वाले भी अदिति जैसी बहू पाकर बहुत खुश थे।
ऐसे ही इशान और अदिति की शादी को एक साल पूरा हो गया। कुछ दिनों बाद अदिति के घर वालों के पास उसके ससुराल वालों का फोन गया कि अदिति हम सबको छोड़कर इस दुनिया से हमेशा के लिए चली गई है। ये सुनते ही अदिति के मम्मी पापा के तो पैरों तले से जमीन ही खिसक गई। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब कैसे हो गया। वो दोनों कानपुर से दिल्ली के लिए निकल गए। अदिति को मृत पड़ा देख उसकी मां तो बेहोश होकर ही गिर पड़ी। सबका रो रोकर बुरा हाल था। इसी तरह अदिति की अंतिम विदाई की रस्म पूरी हुई। अदिति के मम्मी पापा भी घर वापिस आ गए। वो दोनों तो अभी भी सदमे में ही थे, फिर जैसे तैसे उन्होंने एक दूसरे को संभाला।
ऐसे ही तीन महीने गुजर गए। एक दिन अदिति के पापा ने इशान से बात की.......
अदिति के पापा:- बेटा भगवान का लिखा कौन बदल सकता है। जो होना था हो गया। हमारा कोई बेटा नहीं है, पर हमने तो तुम्हें ही अपना बेटा माना है। इसलिए हम चाहते है कि तुम अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो और दूसरी शादी कर लो।
इशान:- नहीं पापा मैं अदिति को धोखा नहीं दे सकता। फिर क्या हुआ जो अदिति हमें छोड़कर चली गई तो , मैं उसकी यादों के सहारे ही जिंदगी गुजार लूंगा।
अदिति के पापा:- बेटा सुनकर खुशी हुई कि तुम अदिति से अभी भी इतना प्यार करते हो। बेटा अदिति भी तुमसे बहुत प्यार करती थी और...
अदिति लाल रंग के जोड़े में बहुत ही सुंदर लग रही थी। देखते ही देखते धूमधाम से अदिति और इशान की शादी हो गई और अदिति अपने ससुराल आ गई। उसने आते ही पूरे घर को संभाल लिया और अपने सास ससुर की सेवा में जुट गई। सब कुछ अच्छे से चल रहा था। अदिति के ससुराल वाले भी अदिति जैसी बहू पाकर बहुत खुश थे।
ऐसे ही इशान और अदिति की शादी को एक साल पूरा हो गया। कुछ दिनों बाद अदिति के घर वालों के पास उसके ससुराल वालों का फोन गया कि अदिति हम सबको छोड़कर इस दुनिया से हमेशा के लिए चली गई है। ये सुनते ही अदिति के मम्मी पापा के तो पैरों तले से जमीन ही खिसक गई। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब कैसे हो गया। वो दोनों कानपुर से दिल्ली के लिए निकल गए। अदिति को मृत पड़ा देख उसकी मां तो बेहोश होकर ही गिर पड़ी। सबका रो रोकर बुरा हाल था। इसी तरह अदिति की अंतिम विदाई की रस्म पूरी हुई। अदिति के मम्मी पापा भी घर वापिस आ गए। वो दोनों तो अभी भी सदमे में ही थे, फिर जैसे तैसे उन्होंने एक दूसरे को संभाला।
ऐसे ही तीन महीने गुजर गए। एक दिन अदिति के पापा ने इशान से बात की.......
अदिति के पापा:- बेटा भगवान का लिखा कौन बदल सकता है। जो होना था हो गया। हमारा कोई बेटा नहीं है, पर हमने तो तुम्हें ही अपना बेटा माना है। इसलिए हम चाहते है कि तुम अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो और दूसरी शादी कर लो।
इशान:- नहीं पापा मैं अदिति को धोखा नहीं दे सकता। फिर क्या हुआ जो अदिति हमें छोड़कर चली गई तो , मैं उसकी यादों के सहारे ही जिंदगी गुजार लूंगा।
अदिति के पापा:- बेटा सुनकर खुशी हुई कि तुम अदिति से अभी भी इतना प्यार करते हो। बेटा अदिति भी तुमसे बहुत प्यार करती थी और...