द एडवेंचर ऑफ फोर (आगमन-1)
आगमन
यह बरसात के दिन है।कड़कड़ाती ठंडी हवा और बिजली में एक औरत अपने बच्चे और एक अजीब से दिखने वाले बक्से को लेकर भाग रही थी। उसके पीछे कुछ गुंडे पड़े हुए थेवह बहुत थक गई थी और हाफ रही थी। क्योंकि रात का समय था वह सीधा भागते भागते जंगल के बीच से गुजरते हुए एक दरिया में जा गिरी।दरिया बेहद बड़ा थाइसलिए उन गुंडों को लगा कि उनका काम हो गया पर वह मरी नहीं थी दरिया में पानी था जिसकी वजह से वह बच गई ।वह बहती हुई किनारे की ओर आ गईऔर उसे अब अमेरिका से बहुत दूर जाना हैजहां तक वह दरिंदे पहोच न सके ।उसने चुना इंडिया...
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© vinit Jaiswal
यह बरसात के दिन है।कड़कड़ाती ठंडी हवा और बिजली में एक औरत अपने बच्चे और एक अजीब से दिखने वाले बक्से को लेकर भाग रही थी। उसके पीछे कुछ गुंडे पड़े हुए थेवह बहुत थक गई थी और हाफ रही थी। क्योंकि रात का समय था वह सीधा भागते भागते जंगल के बीच से गुजरते हुए एक दरिया में जा गिरी।दरिया बेहद बड़ा थाइसलिए उन गुंडों को लगा कि उनका काम हो गया पर वह मरी नहीं थी दरिया में पानी था जिसकी वजह से वह बच गई ।वह बहती हुई किनारे की ओर आ गईऔर उसे अब अमेरिका से बहुत दूर जाना हैजहां तक वह दरिंदे पहोच न सके ।उसने चुना इंडिया...
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