अपना कर्म देखो....
एक बात बार बार जहन में आती हैं, की इंसान खुद की बातों को खुद के कर्मो को क्यों नहीं देखता? उसकी सोच क्यों खुद तक नहीं आती? चिंतन क्यों नहीं कर रहा हैं इंसान?
ये सारे सवालों के जवाब हमारे ही...
ये सारे सवालों के जवाब हमारे ही...