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प्रेम छल नहीं, प्रेम छलकता है!❤️
प्रेम पूछते हो? प्रेम वादा नहीं इरादा है। प्रेम दिखावा नहीं, प्रेम गहरा आत्मिक जुड़ाव है। शुद्ध सौम्य स्नेह का भाव है। यूं तो प्रेम में शर्तें नहीं होती लेकिन एक बात तो है कि प्रेम कभी भी दिमाग से नहीं होता अपितु दिल से शुरू होता है और फिर दिमाग तक पहुंचता है।💖🌺

यह सत्य है— प्रेम रूपी आकर्षण तो चेहरे और जिस्म से शुरू होता है। स्वाभाविक भी है क्योंकि कुदरत ने जीवों को ऐसा ही बनाया है लेकिन ज्यों ज्यों यह आकर्षण और जुड़ाव बढ़ता जाता है त्यों-त्यों प्रेम में गहरी स्नेही भावनाओं का समावेश होता जाता है।💓🌺

अन्यथा, ऐसा क्यों होता है कि एक छोटा अबोध बालक मां से कभी-कभी डांट भी खाता है, रोता भी है लेकिन आकर बार-बार मां से ही लिपटता है?
मां भी डांटती है। कभी-कभी चांटा भी लगा देती है और फिर स्वयं भी बच्चों की तरह रो पड़ती है।🙋🤰
सोचिए जब कभी हमारा कोई प्रिय दूर जा रहा हो तो बरबस ही क्यों मन में कुछ घुमड़ने लगता है?!न चाहते हुए भी आंसू बहने लगते हैं।कलेजा मुंह को आने लगता है।🤔

मैंने एक अस्सी साल के बुज़ुर्ग को उनकी 75 वर्षीय पत्नी के बाल बुहारते हुए देखा है जो डिमैंशिया (मतिभ्रम, भूलने की बीमारी) से पीड़ित थी। महीनों पत्नी की टूटी बाजू को गर्म पानी का सेंक देते देखा है। शिशु बिस्तर गीला कर देता है तो मां स्वयं उस तरफ हो जाती है कि शिशु को सूखा बिस्तर मिले, वो परेशान न हों। मां को रात में उठकर बच्चों के कंबल ठीक करते देखा है।💆🧏🤰🤰💞

O. Henry की कहानी The Gift of The Magi याद आती है जिसमें पति Jim अपनी पत्नी Della को क्रिसमस पर सरप्राइज गिफ्ट देने के लिए अपनी पुरानी सुनहरी घड़ी बेच देता है और उसके लिए एक महंगी सुंदर कंघी (कछुए के shell से बनी) लेकर देता है ताकि वो अपने सुंदर सुनहरे बालों को संवार सके। दूसरी ओर, Della अपने सुनहरी बाल कटवाकर बेच देती है और अपने प्रेमी की सुनहरी घड़ी के लिए महंगी प्लैटिनम चेन खरीद लाती है और फिर दोनों गले लग कर रोते हैं।
सोचिए इस कहानी का नाम The Gift of the Magi (द गिफ्ट आफ द मैजाई) क्यों है? वास्तव में ( Magi)मैजाई वो तीन विद्वान थे जो (यीशु मसीह के जन्म पर) दुनिया के सुदूर क्षेत्रों से एक तारे का पीछा करते हुए उन्हें तोहफे देने के लिए पहुंचे थे!
💑👩‍❤️‍💋‍👩

और यदि प्रेम में calculations कर रहे हैं या बहुत ही चालाक आत्मकेंद्रित योजनाएं बनाई हैं अथवा किसी लड़की या लड़के की Tender भावनाओं से सिर्फ़ खेलने की साज़िश रची है या फिर सिर्फ़ मौज मस्ती (दिल्लगी) और लाभ की खातिर किसी से झूठा प्रेम प्रदर्शन किया जा रहा है और पीठ पीछे उसका हंस-हंसकर उल्लू बनाया जा रहा है तो यकीन मानिए वो प्रेम नहीं छल है! सबसे बड़ा पाप है। 😏😏🤭🤭😡👹

प्रेम साक्षात् कृष्ण है। प्रेम शिव है, शिव ही सत्य है! सत्य तो यह है कि सर्व संसार कृष्णमय है, शिवमय है अर्थात् प्रेममय है किंतु कृष्ण और शिव का सौम्य चेहरा और भोला भाव ही सृष्टि चलाता है, वही देवताओं से वांछित है और वही मनुष्यों से! 🌞👥

कुल अढ़ाई अक्षर ही तो हैं— प्रेम=प्+रे+म किंतु इन अढ़ाई अक्षरों में सारा संसार समाया है! समझ गए तो आसान बात और न समझे तो मूढमति। सुना है न—'..... ढाई आखर प्रेम के पढ़े सो पंडित होय!'💞❤️🌟⭐💫💞

—Vijay Kumar
© Truly Chambyal