अर्जुन
भाग –11
अपने मां पिता जी के बारे में सुनने के बाद , मानो दोनो सुन ही रह गए हो।
में जानती हु की तुम्हारे लिए यह सभ बहुत मुश्किल रहा हे, पर मेरा यकीन मानो हम सभ के लिए भी गुजरा समय कुछ ज्यादा अच्छा नही था। अपनी बेटी को मैने अपने हाथो में दम तोड़ते देखा हे। मरने से पहले भी वह सिर्फ तुम लोगो से मिलना चाहती थी पर ये लाचार मां उसकी आखिरी ख्वाहिश भी न पूरी कर सकी , देवकला ने सिसकते हुए कहा।
यह सभ सुन कर अर्जुन अपने आंसू ना रोक पाया और रो पड़ा पर असमी एक जगह सुन हुई खड़ी थी जैसे मानो उसको अभी भी इस बात पर विश्वास न हो रहा हो। देवकला ने पहले अर्जुन को दिलासा दिया और फिर जैसे ही वह असमी की तरफ बढ़ी तो असमी पीछे होने लगी ।
नही, आप झूठ...
अपने मां पिता जी के बारे में सुनने के बाद , मानो दोनो सुन ही रह गए हो।
में जानती हु की तुम्हारे लिए यह सभ बहुत मुश्किल रहा हे, पर मेरा यकीन मानो हम सभ के लिए भी गुजरा समय कुछ ज्यादा अच्छा नही था। अपनी बेटी को मैने अपने हाथो में दम तोड़ते देखा हे। मरने से पहले भी वह सिर्फ तुम लोगो से मिलना चाहती थी पर ये लाचार मां उसकी आखिरी ख्वाहिश भी न पूरी कर सकी , देवकला ने सिसकते हुए कहा।
यह सभ सुन कर अर्जुन अपने आंसू ना रोक पाया और रो पड़ा पर असमी एक जगह सुन हुई खड़ी थी जैसे मानो उसको अभी भी इस बात पर विश्वास न हो रहा हो। देवकला ने पहले अर्जुन को दिलासा दिया और फिर जैसे ही वह असमी की तरफ बढ़ी तो असमी पीछे होने लगी ।
नही, आप झूठ...