...

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बाप
यह कहानी है एक बाप बेटे की ,
में चांद और मेरे बाप सूरज की

में चांद मुझे बहुत गुरूर था अपनी सफलता और सुंदर ता पर । हर किसी को में अपनी मोहाकता का दीवाना बना ता रहा ।
लेकिन एक दिन ऐसा आया कि , मेरा सारा
घमंड निकल गया। दिन अमवश का था । तो एक बात
ध्यान में आयी की अगर सूरज की रोशनी ना हो तो मेरा
कोई वजूद नहीं ।

© sani dabade