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एक गिलास पानी
एक कक्षा 3का 9 वर्ष का नादान बालक जिसे जरा भी आभास नहीं था कि विद्यालय में एक शिक्षक के मटके से पानी पीना उसकी मौत की वजह बन जाएगी। क्योंकि शिक्षक में ऊंच-नीच का भेद करने की विकृत मानसिकता थी। बालक को जोर से प्यास लगी तो उसने शिक्षक के मटके से पानी पी लिया।ऐसा करते हुए शिक्षक ने उसे देख लिया और उसे बालक की यह हरकत इतनी नागवार लगी की उसने मासूम बालक की बेरहमी से पिटाई कर डाली। बालक के कान व आँख में गंभीर चोटे आई। बालक कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा और 13 अगस्त 2022 को वह हिम्मत हार गया। यह राजस्थान की सच्ची घटना है। आज के समय में इस प्रकार की ऊंच-नीच की मानसिकता रखने वाले जानवर मानव कहलाने के लायक नहीं हैं। और एक शिक्षक जो समाज में उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण करके राष्ट्र को एक समाजोपयोगी मानव (डॉक्टर, इंजीनियर, राजनेता, समाजसेवक, शिक्षक आदि) प्रदान करता है उससे तो इस तरह की उम्मीद कदापि नहीं की जा सकती।
#समानता का अधिकार
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