...

5 views

बचपन का वादा
CHAPTER 15

मानवी को पीछे से कोई आवाज देता है। जब मानवी पीछे मुड़कर देखती है तो शिखर उसके पास आ रहा था।

शेखर : मानवी के पास आकर बोलता है गुड मॉर्निंग विश करता है।

मानवी : गुड मॉर्निंग शेखर बताओ तुमने मुझे आवाज क्यों दिया।

शेखर : वो कुछ नहीं मैं बस पूछ रहा था की आगे का असाइनमेंट कब बनायेंगे क्योंकि कल दिन है असाइनमेंट जमा करने का।

(मानवी शेखर को हैरान नजरो से देखेने लगती है।)

शेखर : मानवी से बोलता है तुम मुझे ऐसे क्यों देख रही हो मैने कुछ गलत बोल दिया क्या।

मानवी : नही मैं बस हैरान हु तुम्हे स्टडी के लिए इतना सीरियस देखते हुए। मैंने सोचा कि तुम्हे याद भी नही होगा की कल हमलोग का आसिगमेंट का आखरी डेट है।

शेखर : मानवी से बोलता है की अभी तुम मुझे जानती ही कहा हो मैं स्टडी के लिए हमेशा से सीरियस रहा हू क्युकी मुझे खुद से कुछ करना है।
(और मन मैं सोचता है खुद का बिजनस स्टार्ट करके अपने पाप को बताना है की मैं खुद से भी कुछ कर सकता हू।)

मानवी : शेखर को बोलती है कहा को गए।

शेखर : कही नहीं बस यही बोल रहा हू तुम अभी मेरे बारे मैं नही जानती हो कोई बात नही तुम मुझे धीरे जान लोगी।

(मानवी मन मैं सोचती है मुझे पता ही नही था की यह मजाक करने वाला लड़का किसी चीज मैं इतना सीरियस भी हो सकता है। वो ऐसे बात कर रहा है जैसे कोई अलग शेखर खड़ा है।

शेखर : उसे चुटकी बजाते हुए बोलता है अब तुम कहा को गई ।

मानवी : कही नही खोई हु ।

शेखर : कही नही खोई हो तो बताओ हमलोग असाइनमेंट कब शुरू करे।

मानवी : क्लास के बाद हम शुरू करेंगे।

शेखर : ओके।

(शेखर को कोई पीछे से आवाज देता है।)

शेखर : मानवी से बोलता है ओके हम बाद मैं मिलते है।

(मानवी शेखर को जाते हुए देखने लगती है तभी सीखा आकर मानवी को बोलता है कि तुम क्या देख रही हो)

मानवी : कही नही देख रही हूं। चलो अब क्लास मैं देर हो रही है ।

सिखा : अरे अरे इतना जल्दी क्या है तुम मुझे खींचते हुए क्यों ले जारी हो। ऐसा लग रहा मैने तुम्हारा कोई छोरी पकड़ ली ।

मानवी : कुछ भी तुम बहुत ज्यादा ही सोचती रही हो सोच रही हो । ऐसा वेसा कुछ नही है लो मेने तुम्हारा हाथ छोड़ दिया अब चलो जल्दी क्लास में ।

सीखा : मन में बोलती है क्या मैने कुछ गलत बोल दिया फिर मानवी से बोलती है अरे रुको में भी आ रही हूं।

( फिर दोनो वहाँ से चले क्लास कि ओर जाने लगते हैं । )

उधर निशा और आरव एक दूसरे से बात कर रहे थे ।

निशा : आरव हमलोग वेल्टाइन के दिन क्या क्या करने वाले है ।

आरव : मन सोचते हुए बोलता है कैसे बताव तुम्हे निशा भी वेल्टाइन डे के दिन में यहाँ नहीं रहूंगा में पापा मुझे अबरोड पढ़ने के लिए भेज रहे है।

( आरव के पापा एक बड़े बिजिनस मेन है उनको बहुत सारी कम्पनियाँ है । आरव पापा चाहते है कि आरव अबरोड में पढ़कर उसके बिजनस में उनका हाथ बटाए | आरव अपना पापा का हर बात मानता है इसलिए वह अपने पापा का बात का इनकार नही कर सकता । अगर उसने इनकार किया तो वह निशा को नुकसान पहुंचा सकते है। इसलिए ना चाहकर भी आरव को अपने पापा का बात मानना पड़ा | )

निशा : आरव तुम कहाँ खो गये में कुछ पूछ रही हूं।

आरव : मन में सोचता है मुझे निशा को बता देना चाहिए लेकिन कैसे निशा इतना खुश दिख रही कैसे यह सब बोलकर मे उसका दिल तोड़ दूँ। नहीं मुझे बताना होगा वरना कही देर ना हो जाए । आख के बोलने से पहले निशा बोलने लगती है ।

निशा : मुझे पता है तुम कुछ क्यो नही बोल रहे हो तुमने जरूर मेरे लिए कोई सपराइज प्लान किया होगा और तुम मुझे बताना नही चाहते होना कोई बात नहीं में तुम्हारा सपराइज को वेस्ट नहीं होने दूंगी मे वेल्टाइन डे के दिन का वेट करूगी । लेकिन सच बताऊ मुझे इंतजार नहीं हो रहा है मेने तो ड्रैस भी चूज कर लिया है कि उस दिन मुझे क्या पहना है।

निशा को इतना खुश होते देखर आरव को अंदर ही अंदर दर्द पहुंचा रहा था और सोचता है तुम उस दिन के लिए कितना खुश हो में खुश था मे तुम्हें वेल्टाडन डे के दिन तुम्हे बहुतसपेस्ल फिल कराऊ मेने तो रिंग भी खरीद लिया तुम्हे शादी के लिए प्रपोज करने के लिए लेकिन किस्मत तो कुछ और ही मंजूर था लेकिन में अबरोड से पढ़कर कुछ बन जाऊंग और तुम्हे सबसे प्रोटेक्ट करने वाला आदम बन जाऊँगा तब में पूरे हक से तुम्हारे लिए तुम्हारे फेमली से तुम्हारा हाथ मागुगा । प्लीज तुम मेरा 𝟛 शाल वेट करना । लेकिन उससे पहले मुसे उसे सब बताना होगा सोचने सें कोई फाएदा नहीं जलदी बता देता हूँ कही देर ना हो जाए ।

आरव : निष का हाथ पकड़ कर बोलता है मुझे तुमसे कोई जरूरी बात करना है प्लीस में बात ध्यान से सुनना । मुझे पता है तुम मुझे समझोगी ।

निशा : बोलो ना में सुन रही हूं।

आरव : निशा आगे तुम मुझे से वादा करो कि तुम मेरी बात को समझोगी और मुझपर भरोसा करोगी ।

निशा : हँ ❕ मे वादा करती हूं तुम बोलो ना ।तुम इतना घबराय हुए क्यो हो ।तुम बताओ ना में सुन रही हूं।

आरव : निशा वो में .. में वो.. निशा में यह कहना चाहता कि ..............................


( क्या आरव निशा को बता पाएगा देखने के लिए पढे हमारी कहानी बचपन का वादा )

LIKE COMMENT SHARE AND FOLLOW ME GUYS 🥰🥰🙏
© Mahiwriter