मेरी अधूरी कहानी
एक शाम मैं अपने घर के
बाहर बैठा हुआ था
अचानक संयोग से
उनका आगमन हुआ
नज़रों से नजर मिली
उस दिन से मैं काफी
खुश रहने लगा था
मुझे लगा शायद मुझे
समझने वाला कोई
मिल गया
बस जब जब उसे देखता
मेरे दिल को काफी
सकूंन मिलता था
कभी कभी वो भी मुझे
देख लिया करते थे
परन्तु उसके दिल में क्या है
मुझे कुछ पता नहीं था
कुछ समय गुजर गया
उसके बाद उसने एक
दम से मुझे नजर अंदाज
करना शुरू कर दिया
जितना मैं...
बाहर बैठा हुआ था
अचानक संयोग से
उनका आगमन हुआ
नज़रों से नजर मिली
उस दिन से मैं काफी
खुश रहने लगा था
मुझे लगा शायद मुझे
समझने वाला कोई
मिल गया
बस जब जब उसे देखता
मेरे दिल को काफी
सकूंन मिलता था
कभी कभी वो भी मुझे
देख लिया करते थे
परन्तु उसके दिल में क्या है
मुझे कुछ पता नहीं था
कुछ समय गुजर गया
उसके बाद उसने एक
दम से मुझे नजर अंदाज
करना शुरू कर दिया
जितना मैं...