...

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एहसास
"बोलो तो ज़रा मुझे कितना याद किया", वह आंखों को गोल‌‌- गोल घुमाते हुए बोली।

हर आती जाती सांस के साथ बस तुम्हें ही याद करता रहा- उसने भी शरारत से मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

झूठेऽऽऽ ..….मेरी नानी कहती थीं कि ऐसे लड़के बड़े फ़रेबी होते हैं -वह झूठमूठ के गुस्से से बोली ।

कैसे लड़के ??

जैसे तुम हो ।

बिल्कुल सही कहती थीं तुम्हारी नानी ! उसने चिढ़ाते हुए कहा।

जाओ... मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी है।

ओह....उसने सीने पर हाथ रख कर आंखें बंद करते हुए कहा।

वह बेचैनी से उसकी तरफ़ बढ़ते हुए घबराई सी बोली — क्या हुआ ??

सांस अटक सी रही है , तुम्हारी आवाज़ से ही तो दिल धड़कता है मेरा। जब तुम ही बात नही करोगी तो जियूंगा कैसे?

उसकी शरारत वह समझ चुकी थी।

दोनों देर तक खिलखिला कर हंंसते रहे।

और यह थी खुश्बू उस मीठे से एहसास की जो पचास साल के साथ के बाद भी आज भी बिल्कुल तरोताज़ा था। 💕

© ATQ