चाहत
हुई दीवानी थी,बारिश की बूंदों की बो,भी जो कभी बारिश पसंद भी नहीं किया करती थी,पसंद बदली उसकी पसंद बदली हमारी हम उसको चाहने लगे बो किसी ओर से इश्क लगा रहे थे हम इजहार करना चाहते थे ओर दर्द दिल में हुआ तब जब बो हमसे दोस्ती ही ख़तम कर गए
© @tul choudhary
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