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सच्चा मित्र
एक गांव में दो मित्र थे कमल और पंकज वह दोनों अमीर थे रोहित ने कमल से बोला कि तुम मेरे मित्र बनोगे कमल बोला नहीं तुम गरीब घर के बच्चे हो मैं तुमसे मित्रता नहीं करूंगा पंकज मेरा सच्चा मित्र है तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है पंकज बोला तुम्हारा क्या भरोसा तुम कब मुंह फेर लोगा रोहित बोला कि तुम्हारा मित्र पंकज तुम्हारे संकट में तुम्हारा साथ नहीं देगा अगर तुम्हारे सामने यम खड़ा हो क्या तुम हम से कह सकते हो कि मेरे मित्र को नहीं ले जाए इसके बदले मुझे ले चलिए तो पंकज बोला हां मैं कमल के लिए अपनी जान भी दे सकता हूं कमल ने मुस्कुराते हुए कहा देख लिए अब तुम कुछ कहना चाहते हो रोहित ने कहा नहीं मैं अब कुछ नहीं कहना चाहता रोहित मायूस होकर चला गया 4 दिन बाद कमल पंकज दोनों स्कूल जा रहे थे बीच रास्ते में एक गधा था जिसमें कमल गिर जाता है कमल चिल्लाता है पंकज बचाओ पंकज बोला डे के पास एक साथ 5 फुट का लंबा सांप था जो कि देखने में जहरीला और काट लेता तो मैं मर जाऊंगा मुझे अपनी जान बहुत प्यारी है अगर जिंदा रहूंगा तो तुम्हारे जैसा हजारों में तो मिल जाएंगे वह यह कह कर भाग जाता है तभी वहां रोहित आता है और कहता है घबराओ मत तुम्हें मैं बचा लूंगा कमल के आंखों से आंसू की धारा बहने लगती है रोहित अपनी जान की चिंता किए बिना ही पकड़ लो कमल ने और रोहित साहब को अपने हाथों से उठाकर फेंक देता है सीधा ऊपर आ जाता है कमल ने पूछा मेरी जान क्यों बचाए तो तुमसे मैं तोता करने से मना कर दिया था रोहित ने कहा तुमने मेरी मित्रता ठुकरा दिया लेकिन मैंने तुमसे सच में की थी मैंने निभाया दोनों गले लग जाते हैं
हमें इस कहने से या शिक्षा मिलती है कि ऊंच-नीच अमीर गरीब जात-पात में फर्क भूल गए इंसान का छोटा सा प्यारा सा दिल देखना चाहिए और अपनी मित्रता हमेशा निभानी चाहिए