ek बदलाव जो जिंदगी बदल दे🥺🥺🥺बहुत सारे बदलाव जिंदगी खराब कर दे
ऐसे ही कुछ बदलाव मेरे साथ हुए
जब दुनिया में आई सब थे लेकिन पापा साथ नही थे
थोड़े दिन बाद मम्मी अपने परिवार में चली गई
बच्चे मेरी दादी पर दादी बुआ
जब तक थे उन्होंने बहुत प्यार दिया
जब तो मुझे होस नही था कोन मेरा क्या लगता है
जब होस आया तो मेरे पास कोई रिश्ते ही बाकी नही थे
एक दिन गांव में इतनी बारिश हुई को पूरा घर पानी से भरा हुआ था इतना की कहीं बैठने की जगह नहीं
फिर भी मेरी बुआ मेरे लिए खिचड़ी बना कर लाई
मुझे खिला दिया खुद भूखी सो गई
फिर मेरी दादी चली गई
फिर पर दादी चली गई
मेरी बुआ अकेली हो गई
फिर एक दिन पापा आए अपने साथ ले गए
कभी पापा को नही देखा तो यही लगा ये कोन हैं
वो पापा थे जब सब खतम होने पे मुझे लेने आए
में चली गई और मुझे अपने साथ रखा
जिसके मकान में किराए दार थे
उसी के घर खाना पीना उठना बैठना सब था
जेसे वो उनके अपने हो
मेरे समझ भी नहीं इतनी
में बहुत छोटी थी
क्या घट रहा है मेरी जिंदगी में मुझे समझ नहीं आ रहा था
तभी कुछ दिन बाद वो मुझे डरा धमका कर रखने
लगी पापा से कोई मतलब नही रखना
जेसे कब आए कब गए कुछ पता नही चलता
मुझे छुपा कर रखने लगी क्योंकि वो मुझे मरती पिटती थी
कहीं चोट के निशान न दिख जाए तो सामने आने से मना कर देती थी
में 6 साल की थी स्कूल जाना आना फिर बिंदी बनाने का काम शुरू कर देते
ऐसे करते करते बहुत दिन निकल गए
मुझे हसने की आजादी नही
मुझे रोने की आजादी नही
मुझे खेलने की आजादी नही
छोटे बच्चे खेलते रहते में बस खड़ी होकर देखती रहती
मानो जेसे मेरा बचपन कहीं खो सा गया था
मुझे लोगो से दर लगने लगा
में भीड़ में जाना नही चाहती थी
ऐसा लगता की ये भीड़ मुझे मार देगी
एक दिन में उनके मम्मी के घर गई उनकी
मम्मी ने मुझे बहुत प्यार किया और बोली तू भाग जा इन सब से नही तो मेरे पास आजा
लेकिन उसने मना कर दिया और अपने साथ ले आई
मेरे घर के सामने एक मोची रहता था उसकी बेटी मेरी स्कूल की सहेली थी जब घर में कोई नही होता तो उसके पास जाकर थोड़ा बात कर लेती और उसका थोड़ा काम करवा देती
उनकी मम्मी पापा बहुत प्यार करते बिलकुल अपनी बेटी को तरह
वो मुझे खाना पीना सब देते उनकी बेटी गेट पर नजर रखती जेसे वो आ रही होती मै बाघकर
घर में चली जाती
एक दिन में किसी की स्क्यूटी पे गई औरबोली
मुझे कहीं के चलो
वो अंकल बोले में जॉब पे जा रहा हूं
तुम घर को में चलते स्कूटर से कूद गई
ऐसा लगा जन्नत में पहुंच गई
बहुत चोट आई फिर सिर में टांके आए
भाई दूज रखी जब होती तो पापा बुआ के घर जाते मुझे लेकर जाते मुझे बहुत अच्छा लगता
एक बार पापा बुआ के घर नही गए चाची के घर गए
उनके बच्ची आए बोले भैया हमको ये चाहिए वो चाहिए
बहुत कुछ दिलवाया
लेकिन मुझे इतना दुख लगा की अपनी बेटी से कभी बात नही करी इनसे इतना प्यार क्यों
ऐसे ही उसने मुझे बहुत मारा और पापा से छुपा कर रखा
तभी मोची ने उनको सब बता दिया की बेटी को
बहुत मरते है खाने को खाना नही देते
सिर्फ काम और मार बस यही करते है
पापा ने तुरन्त बुआ को बुलाया और मुझे उनके साथ भेज दिया बोले फिर कभी मत लेकर आइयोयो यहां वापिस
उन्होंने मुझे तो बचा लिया खुद कभी नही आ पाए
और हमसे दूर चले गए जहां से कभी कोई वापिस नही आया
बहुत अच्छे से पढ़ाई लिहखाई कराई
और बोलने से पहले चीजे मेरे सामने होती थी
हमने जमीन ली हरियाणा में
वहा रहने गए वहां जाकर जिंदगी बदल गई शादी हुई और मैंने फैसला लिया की में इन्ही के साथ रहूंगी
बस रहने लगी फिर सब कुछ बदल गया
हम लोगो मे झगड़े होते रहते थे
छोटी छोटी बात पे
फिर वो लोग हमसे कम बाहर ले लोगो से ज्यादा खुश रहते थे
एक दिन ये ताना कसा गया तू हमारी सगी बेटी नही भतीजी है
हमने नजर अंदाज कर दिया
फिर मेरी बेटी हुई काम को लेकर झगड़ा हुआ
दिसंबर के महीने में हुई बेटी केसे करती काम
बहुत ताने कसे गए काम को लेकर
बेटी मेरी बड़े ऑपरेशन। से हुई ऐसे केसे कर
दूं खुद को नही संभाल पा रही थी
३ महीने में काम करना शुरू कर दिया
उन दिनों में हॉस्पिटल अकेले जाति अकेले आती
कोई साथ नही जाता वहा से आओ तो खाने को कुछ नही बना
ऐसे मेरे फूफा की तबीयत। खराब हुई उनका देखना करना सब किया चले गए
६ महीने बाद बुआ चली गई
मेरा तो दिमाग हिल गया ये सब देख कर
भगवान को उठा कर फेंका इधर तोड़ उधर फोड़
बहुत कुछ जेसे मेरी आत्मा टूट गई है अंदर से
कोई साथ नही दे रहा है
अकेले सब देख सब छोड़ दिया भूल गई इस दुनिया में भगवान भी होते है
मेरी जिंदगी बदल गई सब खतम हो गया भगवान से नाता टूट चुका था
लेकिन फिर धीरे धीरे नाता जोड़ है भोले से महाबली हनुमान जी से अब मत टूटने देना में जी नही पाऊंगी बहुत कुछ बदला है जिंदगी में अब नही हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺
© hatho ki lakiren aur kuch nhi......
जब दुनिया में आई सब थे लेकिन पापा साथ नही थे
थोड़े दिन बाद मम्मी अपने परिवार में चली गई
बच्चे मेरी दादी पर दादी बुआ
जब तक थे उन्होंने बहुत प्यार दिया
जब तो मुझे होस नही था कोन मेरा क्या लगता है
जब होस आया तो मेरे पास कोई रिश्ते ही बाकी नही थे
एक दिन गांव में इतनी बारिश हुई को पूरा घर पानी से भरा हुआ था इतना की कहीं बैठने की जगह नहीं
फिर भी मेरी बुआ मेरे लिए खिचड़ी बना कर लाई
मुझे खिला दिया खुद भूखी सो गई
फिर मेरी दादी चली गई
फिर पर दादी चली गई
मेरी बुआ अकेली हो गई
फिर एक दिन पापा आए अपने साथ ले गए
कभी पापा को नही देखा तो यही लगा ये कोन हैं
वो पापा थे जब सब खतम होने पे मुझे लेने आए
में चली गई और मुझे अपने साथ रखा
जिसके मकान में किराए दार थे
उसी के घर खाना पीना उठना बैठना सब था
जेसे वो उनके अपने हो
मेरे समझ भी नहीं इतनी
में बहुत छोटी थी
क्या घट रहा है मेरी जिंदगी में मुझे समझ नहीं आ रहा था
तभी कुछ दिन बाद वो मुझे डरा धमका कर रखने
लगी पापा से कोई मतलब नही रखना
जेसे कब आए कब गए कुछ पता नही चलता
मुझे छुपा कर रखने लगी क्योंकि वो मुझे मरती पिटती थी
कहीं चोट के निशान न दिख जाए तो सामने आने से मना कर देती थी
में 6 साल की थी स्कूल जाना आना फिर बिंदी बनाने का काम शुरू कर देते
ऐसे करते करते बहुत दिन निकल गए
मुझे हसने की आजादी नही
मुझे रोने की आजादी नही
मुझे खेलने की आजादी नही
छोटे बच्चे खेलते रहते में बस खड़ी होकर देखती रहती
मानो जेसे मेरा बचपन कहीं खो सा गया था
मुझे लोगो से दर लगने लगा
में भीड़ में जाना नही चाहती थी
ऐसा लगता की ये भीड़ मुझे मार देगी
एक दिन में उनके मम्मी के घर गई उनकी
मम्मी ने मुझे बहुत प्यार किया और बोली तू भाग जा इन सब से नही तो मेरे पास आजा
लेकिन उसने मना कर दिया और अपने साथ ले आई
मेरे घर के सामने एक मोची रहता था उसकी बेटी मेरी स्कूल की सहेली थी जब घर में कोई नही होता तो उसके पास जाकर थोड़ा बात कर लेती और उसका थोड़ा काम करवा देती
उनकी मम्मी पापा बहुत प्यार करते बिलकुल अपनी बेटी को तरह
वो मुझे खाना पीना सब देते उनकी बेटी गेट पर नजर रखती जेसे वो आ रही होती मै बाघकर
घर में चली जाती
एक दिन में किसी की स्क्यूटी पे गई औरबोली
मुझे कहीं के चलो
वो अंकल बोले में जॉब पे जा रहा हूं
तुम घर को में चलते स्कूटर से कूद गई
ऐसा लगा जन्नत में पहुंच गई
बहुत चोट आई फिर सिर में टांके आए
भाई दूज रखी जब होती तो पापा बुआ के घर जाते मुझे लेकर जाते मुझे बहुत अच्छा लगता
एक बार पापा बुआ के घर नही गए चाची के घर गए
उनके बच्ची आए बोले भैया हमको ये चाहिए वो चाहिए
बहुत कुछ दिलवाया
लेकिन मुझे इतना दुख लगा की अपनी बेटी से कभी बात नही करी इनसे इतना प्यार क्यों
ऐसे ही उसने मुझे बहुत मारा और पापा से छुपा कर रखा
तभी मोची ने उनको सब बता दिया की बेटी को
बहुत मरते है खाने को खाना नही देते
सिर्फ काम और मार बस यही करते है
पापा ने तुरन्त बुआ को बुलाया और मुझे उनके साथ भेज दिया बोले फिर कभी मत लेकर आइयोयो यहां वापिस
उन्होंने मुझे तो बचा लिया खुद कभी नही आ पाए
और हमसे दूर चले गए जहां से कभी कोई वापिस नही आया
बहुत अच्छे से पढ़ाई लिहखाई कराई
और बोलने से पहले चीजे मेरे सामने होती थी
हमने जमीन ली हरियाणा में
वहा रहने गए वहां जाकर जिंदगी बदल गई शादी हुई और मैंने फैसला लिया की में इन्ही के साथ रहूंगी
बस रहने लगी फिर सब कुछ बदल गया
हम लोगो मे झगड़े होते रहते थे
छोटी छोटी बात पे
फिर वो लोग हमसे कम बाहर ले लोगो से ज्यादा खुश रहते थे
एक दिन ये ताना कसा गया तू हमारी सगी बेटी नही भतीजी है
हमने नजर अंदाज कर दिया
फिर मेरी बेटी हुई काम को लेकर झगड़ा हुआ
दिसंबर के महीने में हुई बेटी केसे करती काम
बहुत ताने कसे गए काम को लेकर
बेटी मेरी बड़े ऑपरेशन। से हुई ऐसे केसे कर
दूं खुद को नही संभाल पा रही थी
३ महीने में काम करना शुरू कर दिया
उन दिनों में हॉस्पिटल अकेले जाति अकेले आती
कोई साथ नही जाता वहा से आओ तो खाने को कुछ नही बना
ऐसे मेरे फूफा की तबीयत। खराब हुई उनका देखना करना सब किया चले गए
६ महीने बाद बुआ चली गई
मेरा तो दिमाग हिल गया ये सब देख कर
भगवान को उठा कर फेंका इधर तोड़ उधर फोड़
बहुत कुछ जेसे मेरी आत्मा टूट गई है अंदर से
कोई साथ नही दे रहा है
अकेले सब देख सब छोड़ दिया भूल गई इस दुनिया में भगवान भी होते है
मेरी जिंदगी बदल गई सब खतम हो गया भगवान से नाता टूट चुका था
लेकिन फिर धीरे धीरे नाता जोड़ है भोले से महाबली हनुमान जी से अब मत टूटने देना में जी नही पाऊंगी बहुत कुछ बदला है जिंदगी में अब नही हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺
© hatho ki lakiren aur kuch nhi......