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mistake in love पार्ट-1
ये कहानी है , “ अलीशा " और " रोहन " के बेइंतेहा मोहब्बत की , जो अपने कॉलेज के वक्त से ही एक दूसरे से बेहद मोहब्बत करते थे । पर कहते है न कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है । आज रोहन बिजनेस की दुनिया का नंबर वन बिजनेस टाइकून बन चुका है , पर वो आज भी अलीशा के प्यार और धोखे को भुला नहीं सका ।आखिर ऐसा क्या कारण था जिसकी वजह से अलीशा ने रोहन को धोखा दिया ? जो लड़की रोहन से एक पल भी दूर नही रह सकती थी , उसने आखिर इतना बड़ा फैसला कैसे कर लिया ? क्या होगा , जब किस्मत उन्हें फिर से मिलाएगी ? होगा बेइंतहा प्यार या रोहन लेगा अपनी बेवफाई का बदला ? जानने के लिए पढ़िए mistake in love....

होली का दिन था अलीशा की कॉलेज का लास्ट ईयर था और इसलिए अलीशा के कुछ दोस्त उसे अपने घर साथ ले जाने के लिए उसके घर पर आए हुए थे। मेघा,नताशा और वीरेन तीनो अलीशा के बचपन के दोस्त थे. जो साथ में ही पढ़ते थे.  घर पर अभी सिर्फ अलीशा और उसकी माँ थी। उसकी सौतेली बहन और पापा उसकी नानी के घर गए हुए थे। उसकी नानी का घर पास ही के गांव में था।

मेघा अलीशा की माँ से कहती है - "आन्टी जी हम अलीशा को होली खेलने के लिए अपने साथ ले जाने आये है।"

अलीशा की माँ ने उसे मना करते हुए कहा - "नही बेटा, अलीशा के पापा नही मानेंगे और वैसे भी वो अभी घर पर नही है, और  आते ही अलीशा के बारे मे पूछेंगे तब क्या जवाब दूंगी मैं उन्हें और तुम सब तो जानते ही हो उनका गुस्सा।"

इतने में वीरेन तपाक से कहा - "आन्टी हम कही बाहर नही जा रहे है, हम तो बस मेघा के घर ही जा रहे है, होली खेलने के बाद आ जाएंगे ।"

अलीशा अपनी माँ को मनाते हुए बोली - "जाने दीजिए न माँ, मेरा बहुत मन है होली खेलने का, और हमारे घर तो पापा की वजह से कोई होली ही नही खेलता. प्लीज माँ जाने दो ना।"

(रीना जी) जो अलीशा की माँ है वो थोड़ी सख्ती से अलीशा से बोली -" नही कहा ना , तो नही अगर तेरे पापा आ गए तो..."।

अलीशा अपनी माँ की बात काटते हुए बीच मे ही बोल पड़ी- "तो क्या माँ.., हर पल आप पापा का डर दिखती हो पापा पूछेंगे तो कह देना कॉलेज मे कुछ प्रोजेक्ट मिला था वही बनाने गई है अपने दोस्तों के घर।"

अलीशा की इस बात पर उसके तीनो दोस्तो ने उसका साथ देते हुए रीना जी को आखिरकार मना ही लिया पर फिर भी रीना जी को अपने पति (रमेश जी ) का डर था लेकिन अपनी बेटी की खुशी ऐसे उदासी में बदलता नही देख सकती थी।इसलिए उन्होंने अलीशा को मेघा के घर जाने की इजाजत दे दी।

जिससे अलीशा के सभी के सभी दोस्त खुश होकर रीना जी को गले से लगा लिया सब एक साथ बोल पड़े - "थैंक यू ,थैंक्यू ,थैंक्यू... आन्टी जी आपका ।"

रीना जी बस "ह्म्म्म" कह कर वहां से चली गई अंदर की तरफ़।

अलीशा अपने दोस्तों को थोड़ा देर लिविंग रूम में बैठा कर तैयार होने अपने कमरे में चली गई।

करीब 15 मिनट बाद सफेद सूट सलवार पहने गले में हरे रंग का दुपट्टा डाले अलीशा अपने रूम से बाहर आई।

वीरेन ने जब अलीशा को देखा तो वो उसे देखता ही रह गया उसके कानों मे चांदी के झुमके, चेहरे को छूती हुई एक पतली सी लट ,आखो मे हल्का काजल ,होठो मे हल्का सा रेड कलर की लिपस्टिक, होठो के राइट साइड पर एक छोटा सा तिल उसकी खूबसूरती बढ़ा रही वीरेन उसकी खूबसूरती में खो गया था ।

जब मेघा ने वीरेन को अलीशा को ऐसे ही देखते हुए पाया तो उसके चेहरे के सामने चुटकी बजाते हुए बोली - "आये हीरो क्या हुआ तुझे, तू इतनी गौर से अलीशा को क्यों देख रहा है, जैसे पहली बार देख रहा हो ।"

वीरेन अपने ही ख्यालो मे खोये हुए ही होठों हीं होठों में बुद्बुदया - "मेरी नजर से देख यार तुझे हमेशा ही नई लगेगी।"

मेघा ने अपने भावे सिकुड़ते हुए बोली - "क्या - क्या ,क्या कहा तुमने" ।

मेघा की बात सुनकर जैसे वीरेन अपने ख्यालों से बाहर आया और हड़बढ़ाते हुए बोला -"क्या, क्या कहा मैंने, कुछ भी तो नहीं , तु अपना दिमाग ज्यादा मत दौड़ा ।"

मेघा कुछ कहती उससे पहले वीरेन अलीशा के पास चला गया और अलीशा को छेड़ते हुए कहा- "क्या बात आलू बड़ी प्यारी लग रही है ऐसा लग रहा है हमारी आलू तो मूली बन गई है, क्या गजब ढा रही है लगता है अपने गाजर से मिलने जा रही है।"(वीरेन नाक सिकोड़ते हुए)"और बड़ा अच्छा परफ्यूम भी लगया है किसे मारने का इरादा है।"

वहां मेघा और नताशा अलीशा को छेड़ते हुए धीरे से बोले - "किसे मारेगी ऑल रेडी एक को तो मार ही चुकी है , उसी को फिर से मारने जा रही है।"

इतना बोल कर दोनों जोर से हस पड़े।

तो अलीशा उन्हें घूर कर देखने लगी फिर मुँह फूलाकर वहां से नराज होते हुए मुह फेर कर खड़ी होते हुए बोली - "तुम लोग मेरा मजाक उड़ा रहे हो, मुझे तुम लोगो के साथ कही नही जाना ।"

तो वीरेन ने कहा - "ऐसे कैसे नही जाना आलू तुझे, तुझे तो मैं उठा कर ले जाऊंगा होली खेलने।"

होली का नाम सुनते ही अलीशा का मूड थोड़ा ठीक हो गया और वो विरेन को इग्नोर करते हुए मेघा, नताशा को बोली - "चलो यार चलते है कुछ लोगो को आदत होती है फालतू का कुछ भी बोलने की खुद तो बंदर जैसे कपड़े पहने है।"

अलीशा बाहर जाते - जाते वीरेन के पेट में एक घुसा दे मारा। जिससे वीरेन की आह निकल गई।

वही अलीशा मुस्कुरा दी जिसे देखकर मेघा और नताशा भी मुस्कुरा दिए।

वीरेन अलीशा को मुस्कुराता देख खुद भी मुस्कुरा दीया और मन ही मन मे कहा - "मैने तो उतना कुछ कहा नहीं बल्कि मेघा ओर नताशा ने उसे छेड़ा था फिर भी अलीशा ने मुझे मारा और उन लोगो के साथ हस रही है कोई बात नही इसके हसी के लिए मार भी खा लेते है ।"

वीरेन ने अलीशा की बातो का बुरा नही माना और उनके पीछे चल दिया। क्योंकि वो अलीशा को बचपन से जानता था। कि ज्यादा तर बातो को दिल से नही लगती थी।

अलीशा बाहर निकलते हुए माँ को आवाज लगते हुए बोली - "माँ... ,माँ मैं जा रही हु जल्दी आ जाउंगी।"

रीना जी ने उसे कहा - "गेट खुला मत छोड़ना और तेरे पापा के आने से पहले आ जाना। "

अलीशा "ठीक है" बोलकर वहा से निकल गई।

इधर मेघा के घर के बाहर रोहन अलीशा का इन्तेजार करते हुए अपनी कलाई में पहने हुए घड़ी को देखते हुए बोला - "काफी वक्त हो गया अब तक तो इन लोगो को आ जाना चाहिए था।"

(रोहन और अलीशा दोनों एक दूसरे को करीब एक साल डेट कर रहे थे । )

उतने में सामने से चारो लोग आते हुए दिखाई दिए रोहन अलीशा को देख कर मुस्कुरा दिया लेकिन अलीशा की नजरें नीचे थी उसने रोहन को नही देखा।

तभी नताशा और मेघा ने उसे कोहनी मारते हुए उससे कहा - "देख तेरा राजकुमार तेरा बेसब्री से इन्तेजार कर रहा है।"

तब जाकर अलीशा की नजर रोहन पर पड़ी जो उसे बड़े ही प्यार से देख रहा था उसने सफेद रंग का कुर्ता चुड़ीदार पहन रखा था, अलीशा ने जैसे ही रोहन को देखा वो दौड़कर रोहन के पास जाकर उसे किश करके उसके गले से जा लगी।

रोहन ने भी अलीशा को जोर से गले से लगा लिया मगर जब अलीशा ने उसे किश किया तो वो थोड़ा अकबका गया लेकिन फिर उसने भी अलीशा का साथ दीया।

(रोहन समझ गया की अलीशा ने ऐसा अचानक से उसे किश क्यों कर लिया अलीशा और वो दोनों काफी दिनों के बाद मिले थे जिसके कारण वो अपने फीलिंग्स को कंट्रोल नही कर पाई ।)

ये सब होते उसके तीनो दोस्त देख रहे थे उसमे से वीरेन को ये सब होता देख नही पाया जिसकी वजह से वो रोहन और अलीशा के पास जा कर धीरे से बोला - "अरे बस भी करो शर्म, लिहाज है या नही तुम्मे, गाजर देखा नही की बस टूट पड़े ।"

वीरेन की बात सुन कर अलीशा हड़बड़ा सी गई और उसने रोहन को छोड़ दिया और शरमाते हुए मेघा और नताशा के साथ घर के अंदर चली गई ।

अलीशा के जाने के बाद रोहन ने वीरेन से गुस्से में दांत पिसते हुए बोला- "क्या बोल रहा था तू, मेरी आलू को ..।"

वीरेन घर की ओर भागते हुए बोला - "तू गाजर और वो मूली।"

रोहन गुस्से से वीरेन के पीछे भागते हुए बोला - "रुक तुझे बताता हूं , तेरी तो आज खैर नही।"

ऐसा कहकर रोहन वीरेन को पीटने के लिए उसके पीछे भागा ।

क्रमशः.....

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© sincere girl