mistake in love पार्ट-1
Introduction:-
ये कहानी है अलीशा और रोहन की प्यार की कहानी जो एक दूसरे से प्यार तो बहुत करते है मगर रोहन और अलीशा के प्यार में कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाती है जिसके कारण दोनों दूर जो तो जाते है मगर एक दूसरे से दूर रह नही पाते।
आइये चलते है कहानी की तरफ तो कहानी शुरू होती है अलीशा के घर से :-
होली का दिन था अलीशा की कॉलेज का लास्ट ईयर था और इसलिए अलीशा के कुछ दोस्त उसे अपने घर साथ ले जाने के लिए उसके घर पर आए हुए थे। मेघा,नताशा और वीरेन तीनो अलीशा के बचपन के दोस्त थे. जो साथ में ही पढ़ते थे. घर पर अभी सिर्फ अलीशा और उसकी माँ थी। उसकी सौतेली बहन और पापा उसकी नानी के घर गए हुए थे। उसकी नानी का घर पास ही के गांव में था।
मेघा अलीशा की माँ से कहती है - "आन्टी जी हम अलीशा को होली खेलने के लिए अपने साथ ले जाने आये है।"
अलीशा की माँ ने उसे मना करते हुए कहा - "नही बेटा, अलीशा के पापा नही मानेंगे और वैसे भी वो अभी घर पर नही है, और आते ही अलीशा के बारे मे पूछेंगे तब क्या जवाब दूंगी मैं उन्हें और तुम सब तो जानते ही हो उनका गुस्सा।"
इतने में वीरेन तपाक से कहा - "आन्टी हम कही बाहर नही जा रहे है, हम तो बस मेघा के घर ही जा रहे है, होली खेलने के बाद आ जाएंगे ।"
अलीशा अपनी माँ को मनाते हुए बोली - "जाने दीजिए न माँ, मेरा बहुत मन है होली खेलने का, और हमारे घर तो पापा की वजह से कोई होली ही नही खेलता. प्लीज माँ जाने दो ना।"
(रीना जी) जो अलीशा की माँ है वो थोड़ी सख्ती से अलीशा से बोली -" नही कहा ना , तो नही अगर तेरे पापा आ गए तो..."।
अलीशा अपनी माँ की बात काटते हुए बीच मे ही बोल पड़ी- "तो क्या माँ.., हर पल आप पापा का डर दिखती हो पापा पूछेंगे तो कह देना कॉलेज मे कुछ प्रोजेक्ट मिला था वही बनाने गई है ,अपने दोस्तों के घर।"
अलीशा की इस बात पर उसके तीनो दोस्तो ने उसका साथ देते हुए रीना जी को...
ये कहानी है अलीशा और रोहन की प्यार की कहानी जो एक दूसरे से प्यार तो बहुत करते है मगर रोहन और अलीशा के प्यार में कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाती है जिसके कारण दोनों दूर जो तो जाते है मगर एक दूसरे से दूर रह नही पाते।
आइये चलते है कहानी की तरफ तो कहानी शुरू होती है अलीशा के घर से :-
होली का दिन था अलीशा की कॉलेज का लास्ट ईयर था और इसलिए अलीशा के कुछ दोस्त उसे अपने घर साथ ले जाने के लिए उसके घर पर आए हुए थे। मेघा,नताशा और वीरेन तीनो अलीशा के बचपन के दोस्त थे. जो साथ में ही पढ़ते थे. घर पर अभी सिर्फ अलीशा और उसकी माँ थी। उसकी सौतेली बहन और पापा उसकी नानी के घर गए हुए थे। उसकी नानी का घर पास ही के गांव में था।
मेघा अलीशा की माँ से कहती है - "आन्टी जी हम अलीशा को होली खेलने के लिए अपने साथ ले जाने आये है।"
अलीशा की माँ ने उसे मना करते हुए कहा - "नही बेटा, अलीशा के पापा नही मानेंगे और वैसे भी वो अभी घर पर नही है, और आते ही अलीशा के बारे मे पूछेंगे तब क्या जवाब दूंगी मैं उन्हें और तुम सब तो जानते ही हो उनका गुस्सा।"
इतने में वीरेन तपाक से कहा - "आन्टी हम कही बाहर नही जा रहे है, हम तो बस मेघा के घर ही जा रहे है, होली खेलने के बाद आ जाएंगे ।"
अलीशा अपनी माँ को मनाते हुए बोली - "जाने दीजिए न माँ, मेरा बहुत मन है होली खेलने का, और हमारे घर तो पापा की वजह से कोई होली ही नही खेलता. प्लीज माँ जाने दो ना।"
(रीना जी) जो अलीशा की माँ है वो थोड़ी सख्ती से अलीशा से बोली -" नही कहा ना , तो नही अगर तेरे पापा आ गए तो..."।
अलीशा अपनी माँ की बात काटते हुए बीच मे ही बोल पड़ी- "तो क्या माँ.., हर पल आप पापा का डर दिखती हो पापा पूछेंगे तो कह देना कॉलेज मे कुछ प्रोजेक्ट मिला था वही बनाने गई है ,अपने दोस्तों के घर।"
अलीशा की इस बात पर उसके तीनो दोस्तो ने उसका साथ देते हुए रीना जी को...