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BACHPAN KA VADA
CHAPTER 24

क्लास खत्म होने के बाद सारे स्टूडेंट क्लास से बाहर जाने लगते है l तभी मानवी के पास शेखर का मैसेज आता है की मैं आगे जा रहा हु तुम

निशा को लेकर आना उस जगह पर l मानवी शेखर की सीट तरफ देखती है तो शेखर जा चुका था l मानवी अंदर से हिमत समेटते हुए मन

मैं बोलती हैं मैं ये कर सकती हूं मैने जो वादा किया है वो मैं जरूर पूरा करूंगी चाहे इससे मुझे कितना तकलीफ पहुंचे l फिर निशा के पास

जाकर बोलती है निशा चलो हमे देर हो रही है निशा अपना सामान समेट ते हुए बोलती है चलिए l मानवी शेखर के पता पे निशा को ले जाने

लगती है l निशा मानवी से पूछती है आप ने बताया ही नहीं हम कहा जा रहे है l मानवी रिक्सा वाले भईया से बोलती है भईया तोड़ा जल्दी

चलिए फिर निशा से बोलती है तुम बस वेट करो l तुम्हे जल्द ही पता चल जाएगा l मानवी एक जगह पहुंच कर बोलती है भईया यही पर

रोक दीजिए l निशा देखती है की एक बड़े रेस्टोडेंट के पास खड़ी है l निशा हैरान होते पूछती है हम यह पर क्यू आए है l मानवी बोलती है तुम

जादा मत सवाल पूछो l मानवी गेट के पास पहुंचते हुए बोलती है निशा तुम आगे जाओ मुझे कुछ काम ही l निशा बोलती है ठीक है l निशा

को अंदर जाते हुए देखकर बोलती है आई होप आज का दिन तुम्हारा अच्छा जाए फिर पास के एक पार्क मैं जाकर बैठ जाती है और अपने

और शेखर का बिताए लम्हों को याद करके रोने लगती हैl तभी उसे दो बच्चे का खेलने का आवाज आता है जब मानवी देखती है एक छोटी

बच्ची और एक छोटा लड़का दोनो शाम के वक्त बगीचे के फूलो से खेल रहे थे l उनलोगो को देखकर उसे अपने और शेखर का बचपन के

गुजरे लम्हे याद आ जाता हैं l उधर निशा जब रेस्ट्रोडेंट के अंदर इन्टर करती है तो पो सॉक्ट हो जाती है वो देखती है कि सारे चीज बहुत सुन्दर

से सजा हुआ है और रेस्ट्रोडेट में कोई भी नही है । तभी उधर से शेखर हाथो मे गुलाब का गुलदस्ता लेकर सामने से आ रहा था । निशा शेखर

को देखकर एक दम सॉक्ट हो जाती है। शेखर निशा को छुटनो में बेटकर अपने प्यार का कम्फेस करता है । शेखर के मुह आइ लव यू सुनकर

निशा एक दम हैरान हो जाती है । निशा हैरान होते हुए बोलती है ये तुम क्या कर रहे हो मेरा मतलब कि तुम मुझे प्रपोज क्यो कर रहे हो ।

शेखर खड़े होकर बोलता है मुझे पता है तुम सोक्ट हो गई हो ये सब देखकर हैना । फिर निशा को गुलदस्ता देखकर उसे कुर्सी मे बेठाते हुए

बोलता आगे तुम बेटो में तुम्हे सारे बाते बताता हूँ। शेखर सारे बाते बताता है कि कैसे उसने मानवी के साथ मिलकर ये सब किया है। निशा

हैरान होते हुए बोलती है क्या मानवी दी ने तुम्हारा साथ दिया है । शेखर मुस्कारते हुए बोलता है हां अगर मानवी नही होती तो मैं ये सब नही

कर पाता l फिर निशा का हाथ पकड़ कर बोलता है निशा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं तुम नही जानती इस दिन का मैं कब से इंतजार कर

रहा था l तुम्हे पता भी ही मैने तुम्हारे लिए ही इस कॉलेज मैं एडमिशन लिया है l मुझे पता हैं तुम मुझे भूल गई हो इतना टाइम भी बीत गया है

न इसलिए लेकिन तुम चिंता मत करो तुम्हे भी मैं याद आ जाऊंगा l निशा कंफ्यूज होते हुए बोलती तुम क्या बोल रहे हो मुझे तो कुछ समझ

ही नही आ रहा l शेखर निशा को कंफ्यूज होते देखकर मन मैं बोलता है लगता है वो बचपन की की बाते भूल गई है मैं भी ना पागल हुं मै भी

किस बात को लेकर बैठा हूं l मुझे आज के बारे मैं बात करना चाहिए l फिर निशा को बोलता छोड़ो ये सब बाते लेकिन मैं तुम्हे बहुत पसंद

करता हूं क्या तुम मुझे पसंद करती हो l शेखर का सवाल सुनते ही निशा आरव के बेवफाई कोब्याद करके शेखर से बोलती ये क्या तुम मुझे

तोड़ा टाइम दे सकते हो सोचने के लिए l शेखर निशा की बात सुनकर बोलती है कोई बात नि है मैं समझ सकता हूं तुम्हे जितना टाइम लेना है

ले सकती हो l फिर शेखर वेटर को बुलाकर खाना लाने को बोलता है l वेटर कुछ देर मैं खाना लेकर टेबल पर रखकर चला जाता हैं l निशा

खाना देखकर खुश होते हुए बोलती है ये तो सारे मेरे फेवरेट डिश है l शेखर निशा को इतना खुश होते देखकर मन मैं बोलता है थैंक्यू मानवी

इतना अच्छा आइडिया देने के लिए तुम्हारे वजह से निशा के चेहरे में इतनी की खुशी देखने को मिला l फिर कुछ देर होने पर दोनो रेस्ट्रोडेंट से

निकलते हुए शेखर निशा से बोलता हैं चलो मैं तुम्हे घर तक लिफ्ट दे देता हूं l निशा शेखर से बोलती है कोई प्रोब्लम नही मैने कैब बुक कर

लिए है मैं अकेले घर जा सकती हूं अभी शाम का छे ही बज रहा है तभी कैब आ जाता है निशा शेखर को बाय करते हुए कैब मैं बैठ कर चली

जाती है l शेखर खुद से बोलता है फाइनली मैं अपना बचपन का वादा पूरा कर लिया l इतना कहते ही वो गाड़ी जहां पार्क किया था वह जाने

लगता तभी वो गार्डन मैं देखकर सोकट हो जाता है.................


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© Mahiwriter