...

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!!मैं आज भी तकिये भिगो लेता हूं!!
आज भी रोता हूं, तो तकिया भिगो लेता हूं,,
जब टूट कर रोता हूं तो फफक कर रोता हूं!!

तेरा एक खत ही है
जिसे देखकर तुझे याद कर लेता हूं,
तेरा जाना मुझे तोड़ गया
कभी साथ रहने का वादा था..फिर भी तूं छोड़ गया।

मेरा हर वक़्त बस तुझे सोचने में बीत रहा है
मेरा हर पल तेरे सपनों में ही डूबा रह रहा है,
शाम की लाली तेरी रंगत की ओर खींच रही है,
मेरे आंखों से निकला हर आंसू मुझे सीच रहा है,
मैं अब भी सिरहाने तुझे रख लिया करता हूं,
आज भी रोता हूं तो तकिया भिगो लेता हूं!!

अजीब ज़ुल्म करती हैं तेरी यादें मुझपर
हो जाऊं तो उठा देती है, जंग जाऊं तो रुला देती है,,
तेरी मासूमियत ही मुझे तेरी ओर खींच लेती है,
मेरे जिस्म से जान, हर रोज निकाल लेती है,
मैं अब भी सिरहाने तुझे रख लिया करता हूं,
आज भी रोता हूं तो तकिया भिगो लेता हूं!!

आज भी रोता हूं तो तकिये भिगो लेता हूं,
जब टूट कर रोता हूं तो फफक कर रोता हूं!!