आज मुझे फिर उसकी याद आई है
आज मुझे फिर उसकी याद आई है ।
उस यादों को भुलाने,दरिया किनारे चल बसा।
सोचा दरिया के उस पार चले जाऊं,उसकी गांव घूम आऊं,
उसकी गलीओस गुजरते हुए,उसकी जुल्फों को संवारते हुए,
उसकी एक झलक देख आऊ,
मन में एक बेचनी सी हुई,मेरा सास यूंही थम सा गेया,
इधर उधर बहत ढूंडा,खुद को वांह अकेला पाया,
अपने आप को समझाया, अकेले कुछ वक्त बिताया,
एक वक्त के बाद एक...
उस यादों को भुलाने,दरिया किनारे चल बसा।
सोचा दरिया के उस पार चले जाऊं,उसकी गांव घूम आऊं,
उसकी गलीओस गुजरते हुए,उसकी जुल्फों को संवारते हुए,
उसकी एक झलक देख आऊ,
मन में एक बेचनी सी हुई,मेरा सास यूंही थम सा गेया,
इधर उधर बहत ढूंडा,खुद को वांह अकेला पाया,
अपने आप को समझाया, अकेले कुछ वक्त बिताया,
एक वक्त के बाद एक...