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बड़ी हवेली
#शर्त
#हवेली
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा और चंदन इस बात को भी बहुत अच्छे से जानता था कि उस बड़ी हवेली में कोई नहीं जाता । फिर भी उसने अपना रोब जमाने के लिए शर्त लगा ली । रात को जब चंदन us हवेली के पास से गुजर रहा था तब बरगद के पेड़ के नीचे उसे एक बूढ़े बाबा मिले उन्होंने चंदन को अपने पास बुलाया और कहा । मैंने सुना है की तुम बड़ी हवेली में जाने वाले हो । चंदन ने बड़े रोब से खा हां तो बाबा ने कहा की अगर अपनी उम्र लंबी चाहते हो तो बड़ी हवेली के आस पास भी नहीं भटकना । चंदन के खा अरे यह सब कहने की बाते है तब उस बाबा ने खा आई बैठो आज तुम्हे बताता हु की बड़ी हवेली में क्यों जाना मना है । बड़ी हवेली कई सालो से बंद पड़ी थी ये हवेली राजबगढ़ के ठाकुर परिवार द्वारा बनवाई गई थी इस हवेली में ठाकुर और उसका परिवार खुशी से रहता था ठाकुर बलवंत सिंह इस घर के मुखिया थे उसके दो बेटे थे शुभ ठाकुर बड़ा बेटा और मंगल ठाकुर छोटा बेटा । शुभ हमेशा से ही...