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मनोचिकित्साक
जब मेरी आँख खुली तब मै एक अनजान स्थान पर मैंने खुद को पाया था कुछ समय के लिए मुझे लगा की मै एक खूबसूरत सपना देख रही हूँ लेकिन यह मेरा भ्रम था, जो बहुत जल्द
टूटगया |
मैने आँख खोलने पर पाया कि मेरे आस -पास सभी अनजान लोग है जिनके लिए मैं जानी पहचानी सी हूँ
मैं किसी और दुनिया कि मेहमान हो गयी हूँ शरीर मेरा कही और रह गया हैं, आश्चर्य हूँ मैं ये सब देख के!
© deepanjalipatle
टूटगया |
मैने आँख खोलने पर पाया कि मेरे आस -पास सभी अनजान लोग है जिनके लिए मैं जानी पहचानी सी हूँ
मैं किसी और दुनिया कि मेहमान हो गयी हूँ शरीर मेरा कही और रह गया हैं, आश्चर्य हूँ मैं ये सब देख के!
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