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नवरात्रि।
पापा कोई आया था। आप नहीं थे जब घर पर, जोजो ने अपने पापा से कहा। कौन आया था बेटा!.....पापा कोई बूढ़ी अम्मा थीं। कह रहीं थी ,बेर लाईं हूं, सूखे वाले। तुझे पसंद हैं ना। मैंने कहा, तुम्हें कैसे पता? वो मुस्कुराईं, और वोली ,ले अब, रख ले इन्हें। मैने कहा ,कितने के हैं अम्मा। तो वोलीं ऐसे ही,तेरे लिए ही लाई हूं। मुझे लगा, इतनी बूढ़ी अम्मा हैं, चलते भी ठीक से नहीं वन रहा। और बेर ,पता नहीं कहां से ,कैसे लायीं होंगी। मैं ऊपर गया और बीस रूपये लेकर आया। लो माँ, ये रख लो। मगर उसने पैसे लेने से मना कर दिया। तव तक दीदी भी आ गयी थी नीचे। दीदी को देख वह बोलीं, ओ बिटिया!......पानी पिला दे, बहुत...